लखनऊ नगर निगम वर्ष 2022 में नगर निगम की उपलब्धियां - मानवी मीडिया

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Saturday, December 31, 2022

लखनऊ नगर निगम वर्ष 2022 में नगर निगम की उपलब्धियां


 लखनऊ (मानवी मीडिया)लखनऊ नगर निगम वर्ष 2022 में नगर निगम की उपलब्धियां

1-  *स्वच्छता

--    लखनऊ सहित समस्त प्रदेश में स्वच्छता को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से *75 घंटे, 75 जनपद, 750 स्थानीय निकाय* के अंतर्गत शहर में स्थित गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट को समाप्त कर उन स्थानों पर सौंदर्यीकरण किए जाने का अभियान शहर में चलाया गया। इस अभियान में लखनऊ नगर निगम द्वारा उत्कृष्ट कार्य करते हुए *प्रथम स्थान* प्राप्त किया गया। अभियान में नगर में 75 घंटो में कुल 144 जीवीपी समाप्त कर उन जगहों पर वर्टिकल गार्डन निर्मित करने व अन्य तरीकों से सौन्दर्यीकरण का कार्य कराकर अभियान को सफल बनाया गया। अभियान में पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ आम जन में समेकित कूड़ा प्रबंधन के प्रति जागरूकता का संचार कर सहभागिता बढ़ायी गयी। 

-- इंवॉरमेंटल सेंसर/पर्यावरण सूचकांक/’स्वच्छ वायु सर्वेक्षण’ की नेशनल रैंकिंग में लखनऊ नगर *प्रथम स्थान* पर आया जिसके क्रम में नगर निगम लखनऊ को केंद्र सरकार द्वारा 1.50 करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। नगर निगम लखनऊ द्वारा वायु गुणवत्ता सुधार के क्रम में 9 रोड स्वीपिंग मशीने, 8 एन्टी स्मॉग गन, 40 वॉटर स्प्रिंकल मशीनों के प्रयोग के साथ-साथ शहर में 22 स्थानों पर एयर प्यूरीफायर लगाए गए। इसके अतिरिक्त अटल उदय वन व अन्य कई वाटिकाओं का निर्माण कराकर लाखों पौधे लगाने व 1500 से ज्यादा पार्को का सौंदर्यकरण और ग्रीनरी कराई गयी। वायु गुणवत्ता की निरन्तर जाँच हेतु शहर के अलग अलग 6 स्थानों पर एयर क़्वालिटी मोंटरिंग स्टेशन का निर्माण कराया गया जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (ए०क्यू०आई) की हर समय निगरानी की गयी। 

-- नगर निगम लखनऊ द्वारा गुरू नानक जयंती के अवसर पर प्रकाश पर्व के महोत्सव के साथ स्वच्छता का उत्सव ‘शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम’ के साथ मनाया गया जिसमें जीरो वेस्ट इवेंट में बर्तन बैंक थैला बैंक और नेकी की दीवार इत्यादि द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। आयोजन में न केवल लगभग 2.15 टन कूड़े का उत्सर्जन कम किया गया अपितु उत्सर्जित जैविक कूड़े लगभग 5 टन का ड्रम कंपोस्टिग के माध्यम से स्रोत पर ही प्रसंस्करण किया गया तथा अजैविक अर्थात सूखे कूड़े का न्यूनतम उत्सर्जन हुआ जिसे कबाड़ियों को दिया गया। 

-- इसी प्रकार से छठ उत्सव में उत्सर्जित होने वाले गीले कचरे के निस्तारण के लिए स्थाई कंपोस्ट यूनिट, सूखे कचरे के निपटान के लिए अस्थाई मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और पूजन सामग्री के विसर्जन हेतु अर्पण कलशों की स्थापना की गई। उत्सव में अपशिष्ट के निष्पादन व निपटान हेतु व्यापक व्यवस्था कर इस उत्सव को जीरो वेस्ट बनाया गया जिसमें तकरीबन 961 किलोग्राम अपशिष्ट का एकत्रीकरण किया गया था। छठ उत्सव को जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में सम्पन्न कराए जाने पर लखनऊ नगर निगम प्रथम स्थान पर जिसके क्रम में मा. मंत्री नगर विकास विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।

2- *गृहकर विभाग

नगर निगम का सामान्य कर (गृहकर) राजस्व आय का मुख्य एवं महत्वपूर्ण स्रोत है। पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से संपत्ति कर से संबंधित सभी डेटा ऑनलाइन किए गए हैं जिसके माध्यम से नागरिक भवन कर निर्धारण में संबंध में समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते है। नगर निगम लखनऊ की वेबसाइट  https://lmc.up.nic.in/ पर ऑनलाइन गृहकर भुगतान कर रसीद प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध है जिसमें नेटबैंकिंग के साथ-साथ, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ और पेटीएम के माध्यम से कर भुगतान की सुविधा 24x7 उपलब्ध है। इसके साथ-साथ एच.डी.एफ.सी., एक्सिस बैंक काउंटर, ई-सुविधा द्वारा संचालित केंद्रों पर हाउस टैक्स के भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से नामान्तरण आवेदन प्राप्त करने एवं संबिंधत शुल्क जमा करने की सुविधा उपलब्ध है। कर्मचारियों द्वारा घर-घर बिल पहुँचाने के अतिरिक्त भवन स्वामी को मोबाइल पर बकाया गृहकर का एस.एम.एस. अलर्ट एवं भुगतान लिंक सहित ई-बिल प्रेषित किया जाता है। 

-- डिजिटल इंडिया के अंतर्गत नागरिको को उपलब्ध करायी सुविधाओं के क्रम में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 91,450 ट्रांजेक्शन हुए, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में निरन्तर वृद्धि करते हुए 31 दिसम्बर, 2022 तक 1,02,976 ट्रांजेक्शन हुए। लखनऊ नगर निगम सीमान्तर्गत गत वित्तीय वर्ष में दिसम्बर माह तक की अवधि में 2.76 भवनों द्वारा गृहकर जमा कराया गया था जिसके सापेक्ष वर्तमान में वित्तीय वर्ष में उक्त अवधि में 3.15 लाख भवनों से गृहकर की वसूली की गयी है जो पिछले वर्ष से 38 हजार अधिक है। इसी प्रकार गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में गृहकर 31 दिसम्बर तक रु. 177.91 लाख के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में रु. 239.06 लाख की आय हुई है जो गत वर्ष से रु. 61.12 लाख अधिक है। 

-- भवन के गृहकर निर्धारण हेतु ऑनलाइन आवेदन किए जाने का मॉडयूल विकसित किया गया है। अब सामान्य नागरिक स्वयं अपने भवन का गृहकर निर्धारण ऑनलाइन कर तत्काल गृहकर जमा कर सकते है जिसके लिए किसी कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं रह गयी है।  

-- नवीन, पुनरीक्षित कर निर्धारण एवं नाम परिवर्तन की समस्याओं एवं शिकायतो को ‘लखनऊ-वन’ एप के माध्यम से प्राप्त करने हेतु एप में आवश्यक व्यवस्था की गयी है जिससे कर निर्धारण एवं पुनरीक्षण की समस्याओं एवं शिकायतो पर प्रभावी कार्यवाही सम्भव हो गयी है।

-- लखनऊ नगर के निरन्तर विकास एवं भवनों के निर्माण के दृष्टिगत नये भवनों को गृहकर से आच्छादित तथा पुराने भवनो में परिवर्धन परिवर्तन होने की स्थिति में कर पुनरीक्षण करने हेतु नगर में जी.आई.एस. के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है जिसमें लगभग 3.21 लाख सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया गया जिनको नये कर निर्धारण/पुनरीक्षण की नोटिस प्रेषित करते हुए गृहकर निर्धारण करते हुए कर जमा कराया जा रहा है। 

3- *पीएम स्वनिधि (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि) योजना

- भारत सरकार की पी.एम. स्वनिधि योजना में पथ विक्रेताओं को सूक्ष्म ऋण प्रदान किये जाने में नगर निगम लखनऊ द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया। बैंको के माध्यम से वर्तमान में अब तक कुल 91303 पथ विक्रेताओं को ऋण वितरित किए जा चुके है। ऋण वितरण में लखनऊ नगर निगम वर्तमान में देश के प्रथम स्थान पर निरन्तर बना हुआ है। 

4- *अनुज्ञा शुल्क (लाईसेन्स फीस)

नगर निगम लखनऊ द्वारा नर्सिंग होम, हॉस्पिटल, होटल, रेस्टोरेन्ट, गेस्ट हाउस, बार, कोल्ड ड्रिंक्स, आईसक्रीम, शराब की दुकानें, क्लीनिक, पैथालॉजी, डायग्नोस्टिक, ईंट-भट्टा, पॉवर परमिशन इत्यादि हेतु लाईसेन्स जारी किये जाते हैं। वर्तमान में पूर्णतः ऑनलाईन लाइसेन्स जारी करते हुए विŸाय वर्ष 2022-23 में दिसम्बर, 2022 तक कुल 2763 लाइसेंस निर्गत करते हुए रु. 281.88 लाख की धनराशि जमा करायी गयी जबकि गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर तक की अवधि में कुल 1450 लाइसेंस जारी हुए एवं 114.49 लाख की धनराशि जमा की गयी। इस प्रकार गत वर्ष से वृद्धि करते हुए   1313 लाइसेंस अधिक बनाये गये एवं तत्क्रम में वृद्धि करते हुए रु. 167.39 लाख की धनराशि जमा करायी गयी। 

5- *उद्यान

नगर निगम लखनऊ द्वारा अभिनव प्रयास करते हुए पार्को व उद्यानो के जैविक कूड़े की नयी प्रणाली से कम्पोस्टिंग प्रारम्भ की गयी है। इस नई तकनीक के अंतर्गत शहर के विभिन्न पार्को में भूमि के ऊपर 6x6x12 फिट अथवा स्थल की उपलब्धता के अनुरूप 200 बेड का निर्माण किया जा चुका है। इस बेड में गिरी हुई पत्तियां/पेड़/पौधे को एकत्रित कर बैक्टीरिया, गोबर, गौमूत्र व गुड़ से निर्मित घोल द्वारा लेयरिंग कर जूट के कपड़े द्वारा बंद कर दिया जाता है। 45 से 50 दिवस बाद इस बेड में जैविक खाद ‘मल्च’ तैयार हो जाती है जो लगभग 40 प्रतिशत अवशेष होती है। यह मल्च खाद पारंपरिंक गोबर की खाद से बेहतर एवं 0.5 प्रतिशत अधिक नाइट्रोजन, पोटेशियम व फास्फेट से युक्त होती है। इस खाद का प्रयोग पार्को व उद्यानो में किया जा रहा है तथा उपलब्धतानुसार विक्रय भी किया जाता है। इस प्रकार जैविक खाद बनाये जाने से प्रसंस्करण हेतु शिवरी भेजे जाने वाले कुल सालिड वेस्ट के 12 प्रतिशत कूड़े का स्थल पर ही निपटान कर लिया जाता है। 

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