लखनऊ, (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश में आइपीएस अफसरों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई। बीते महीने हुई डीपीसी के बाद गुरुवार को 30 की सूची जारी की गई है। प्रदेश के 30 पीपीएस अफसर अब आइपीएस अफसर बने हैं। सूची जारी करने के साथ ही इनका बैच भी अलाट किया गया है।
उत्तर प्रदेश के 30 पीपीएस अफसरों के प्रमोशन के लिए बीती सात अक्टूबर को विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक हुई थी। संघ लोक सेवा आयोग ने आज इनकी सूची जारी कर दी है। अभी दो अफसरों के बारे में फैसला नहीं हो सका है। इनके लिफाफे अभी भी बंद हैं।
डीपीसी के बाद प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 30 अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान किए जाने की सहमति मिली थी। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद संघ लोक सेवा आयोग ने केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। संघ लोक सेवा आयोग में बीती सात अक्टूबर को डीपीसी में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व डीजीपी डा. डीएस चौहान भी मौजूद रहे थे।
विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में एएसपी अमित मिश्रा व संजय कुमार यादव के लिफाफे बंद रहे। 1989 बैच के पीपीएस अधिकारी अमित मिश्रा का लिफाफा पांच वर्ष से बंद है। उनके विरुद्ध पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत के मामले में जांच प्रचलित है।
इसके अलावा 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव को बीते दिनों भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया गया था। एएसपी संजय यादव के छोटे भाई आइआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी डा.शशांक यादव को एक वर्ष पहले राजस्थान की एंटी करप्शन ब्रांच ने घूस की रकम के साथ पकड़ा था। शशांक की स्कार्पियो से 16.32 लाख रुपये मिले थे। इसी मामले में पाया गया था कि स्कार्पियो संजय यादव की बेनामी संपत्ति थी।