सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागदारी को सुदृढ़ बनाने हेतु मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण एवं नियमों में शिथलीकरण पर विशेष बल -मंत्री जेपीएस राठौर - मानवी मीडिया

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Saturday, November 19, 2022

सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागदारी को सुदृढ़ बनाने हेतु मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण एवं नियमों में शिथलीकरण पर विशेष बल -मंत्री जेपीएस राठौर

 

लखनऊः (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) /अध्यक्ष उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम  जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर द्वारा 69वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के 06वें दिन उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम के मुख्यालय पर आयोजित गोष्ठी में प्रतिभाग किया। उन्होने अपने सम्बोधन में उद्यमिता विकास विकास और सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागदारी को  सुदृढ़ बनाने हेतु मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण एवं नियमों में शिथिलीकरण पर विशेष बल दिया गया, ताकि अधिक से अधिक निजी सहभागी जुड़ सके और प्रदेश व देश का सुचारू रूप से विकास हो सके।

विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 14 नवम्बर से 20 नवम्बर 2022 तक 69 वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। सप्ताह के सातों दिवसों को उद्देश्यवार मनाये जाने के कार्यक्रम के अर्न्तगत उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम के प्रांगण में सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्थाओं में से एक उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम द्वारा उद्यमिता विकास और सार्वजनिक-निजी- सहकारी भागदारी को सुदृढ़ बनाना विषय पर विचार गोष्ठी के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री  जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर ने प्रतिभाग किया।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो० एच० के० मिश्रा आई०आर०एम०ए० गुजरात द्वारा म्दजतमचतमदमनतेीपच म्बव ेलेजमउ क्मअमसवच करके ठमेज ठनेपदमेे च्तपदबपचसमे को अंगीकृत करने, च्तवपिजपदह तथा म्ुनपजंइपसपजल के मध्य समन्वय स्थापित करने तथा व्अमतंसस ब्वदअमतहमदबम पर बल दिया गया।
 श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबन्ध निदेशक उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम द्वारा सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागदारी को सुदृढ़ बनाने एवं निगम द्वारा किये जा रहे कार्याे से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों के उत्पादन/खरीद के बढ़ते स्तर की जरूरतों को पूरा करने और खाद्यान्नों के खुले स्थान पर भण्डारण अर्थात कवर एंड प्लिंथ (सीएपी) पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से यह विभाग सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पद्धति से स्वीकृत 7.40 लाख मी0टन क्षमता सृजित होनी है जिसमें से 01.30 लाख मी0टन क्षमता का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, शेष 6.10 लाख मी0टन क्षमता निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में प्रदेश में पी०पी०पी० मॉडल पर 50-50 हजार मै0टन क्षमता के स्टील साइलो का निर्माण किया जा रहा है।
 उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम के 32.08 लाख मी०टन क्षमता के गोदामों का डब्लू०डी०आर०ए० से प्रमाणीकरण कराया गया है। डब्लयू०डी०आर०ए० द्वारा अपने स्थापना के 12वें वार्षिक दिवस पर डब्ल्यू0डी०आर०ए० में उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम के गोदामों का पंजीकरण करने हेतु पूरे देश में द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए निगम को पुरूस्कृत कर सम्मानित किया गया है। पी०एम० गति शक्ति योजना के लॉजिस्टिक अंश में उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम का प्रथम स्थान है। क्यू०सी०आई० द्वारा निर्धारित मानकों के अर्न्तगत निगम के 30 भण्डारगृह उत्तम स्टार के, 81 भण्डारगृह 5 स्टार के, 17 भण्डारगृह 4 स्टार के एवं 29 भण्डारगृह 4 स्टार से नीचे की रेटिंग में है। निगम के कार्याे को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने के उद्देश्य से निगम द्वारा समस्त टेण्डर, ई-टेण्डरिंग/जेम पोर्टल के माध्यम से कराये जा रहें हैं। निगम द्वारा अपने भण्डारगृहों में वैज्ञानिक भण्डारण के साथ साथ आधुनिक तकनीक विकसित की जा रही हैं जिसके तहत भण्डारगृहों को भारत सरकार/भारतीय खाद्य निगम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्मचवज व्दसपदम ैलेजमउ ;क्व्ैद्ध के अर्न्तगत ऑनलाईन डाटा इन्ट्री की जा रही है। भण्डारगृहों पर लगे धर्मकॉटों को भी ऑनलाइन किया गया है। केन्द्रों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से सी०सी०टी०वी० कैमरों को लगवाया गया है।
कार्यक्रम में  बी० एल० मीणा प्रमुख सचिव सहकारिता,  अच्छे लाल सिंह यादव विशेष सचिव सहकारिता विभाग,  के० पी० सिंह, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (प्रशासन),  रजत शर्मा, महाप्रबन्धक भारतीय खाद्य निगम, प्रो० एच0 के0 मिश्रा आई०आर०एम०ए० गुजरात एवं  श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबन्ध निदेशक उ०प्र० राज्य भण्डारण निगम व शीर्ष संस्थाओं/सहकारिता विभाग के अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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