ये इश्क है! प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या, लाश 4 साल बाद बरामद - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, November 20, 2022

ये इश्क है! प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या, लाश 4 साल बाद बरामद

गाजियाबाद (मानवी मीडिया): बीते दिनों गाजियाबाद में एक दिल दहलाने वाला केस सामने आया था जिसमेंएक महिला ने अपने पति को मौत के घाट उतार दिया था, वो भी अपने प्रेमी के साथ मिलकर। इस घटना का खुलासा 4 साल बाद गाजियाबाद पुलिस ने किया था। पति की हत्या के बाद उसकी लाश को भी दोनो ने मिलकर प्रेमी के घर में 6 फीट का गड्ढा खोदकर दबा दिया था। इस तरीके के मामले लगातार समाज में बढ़ते मानसिक विकृति को दिखाते हैं जिनके चलते किसी भी उम्र के लोग किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं। महिला के प्रेमी ने उसने पति के सिर पर पहले गोली मारी थी और उसके बाद उसका एक हाथ कुल्हाड़ी से काट दिया था। काटे हुए हाथ को जंगल में फेंक दिया गया था। ताकि अगर वो पुलिस को बरामद भी हो तो लगे कि ये कोई और घटना है।

सालों बाद इस घटना में इस खुलासे ने सबको चौंका दिया है। पड़ोस में ही पति की लाश को 4 साल से पति और उसके प्रेमी ने दफन कर रखा था और उसकी खबर कानो कान किसी को नहीं हुई। यह वह क्राइम होते हैं जो बिल्कुल सोच समझकर किए जाते हैं जो अचानक नहीं होते। ऐसा क्राइम करने से पहले यह क्रिमिनल अपने आपको इसके लिए पूरी तरह तैयार करते हैं।

गाजियाबाद एसएसपी ने पुराने कुछ अनसुलझे कैसे उसको दोबारा खुलवाया था। जिनकी जांच अलग-अलग टीम को दी गई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने चंद्रवीर के गायब होने के केस पर काम करते हुए उसकी बेटी से बातचीत की तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाले एक अंकल उसके घर में बराबर आते जाते हैं।

बेटी ने उन्हीं पर शक जताया। क्राइम ब्रांच चंद्रवीर के पड़ोस में रहने वाले अरुण और अनिल को हिरासत में लिया और उससे जो कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सारी घटना पुलिस के सामने उगल दी। पुलिस ने जब प्रेमी के घर जाकर गड्ढा खोद वाया तो उसमें शव के अवशेष मिले इनको डीएनए टेस्ट के लिए भिजवा दिया गया है।

पुलिस अधिकारी इस पर बताते हैं कि यह घटना करने से पहले दोनों ने पूरी तरीके से इसकी प्लानिंग की थी और रिमी ने अपने घर में पहले ही 6 फीट का गड्ढा खोदकर तैयार कर दिया था। पूरी प्लानिंग के बाद ही उन्होंने चंद्रवीर को मौत के घाट उतारा है। ऐसे क्रिमिनल्स को प्रोफेशनल समझा जाता है जो इस तरीके के क्राइम को अंजाम देते हैं यह कोई आवेश में आकर की भी घटना नहीं है यह एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है जिससे साफ पता चलता है कि क्रिमिनल्स आम दिमाग से ज्यादा शातिर दिमाग हैं।

मनोचिकित्सक डॉक्टर रुचि शर्मा ने बताया कि ऐसे मामलों में एक अलग मानसिक स्थिति होती है। ये घटनाएं सोच समझ कर की जाती है। ऐसे लोग बाहर से बिल्कुल भी पता नहीं चलने देते है की उनके मन में क्या चल रहा है। लेकिन वो अपनी मानसिक स्थिति में किसी और दुनिया में होते हैं। कई बार दूसरे से मिला प्यार और सहारा और घर में मिल रहा तिरस्कार, अपमान उनको इतनी शक्ति देता है की वो मर्डर जैसी घटना को अंजाम दे देते है।

Post Top Ad