उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास पर कब्जा करने की अनुमति देने वाले कानून में बदलाव कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती को उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक आवास की पेशकश की गई है। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी पिछले साल गुप्कर रोड स्थित उनके सरकारी आवास से बेदखल कर दिया गया था।
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