तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन 25 सितंबर, 2022 को होटल विजय पैराडाइज, विकास नगर, लखनऊ में डॉ. प्रवीण शुक्ल, उप महानिदेशक, मध्यांचल कार्यालय, लखनऊ और श्री सी.एस. मिश्र, उप महानिदेशक, राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ द्वारा किया गया।
सी.एस. मिश्र ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए असमाविष्ट क्षेत्र के उद्यमों (ASUSE) के वार्षिक सर्वेक्षण का उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला । मिश्र ने असमाविष्ट गैर-कृषि उद्यमों की विभिन्न परिचालन और आर्थिक विशेषताओं जैसे स्वामित्व के प्रकार, संचालन की प्रकृति, उद्यमों के प्रकार, स्थिति और पंजीकरण, रोजगार विवरण, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग, परिचालन व्यय एवं प्राप्ति, विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवाओं आदि के अनुमान प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण के डिजाइन पर प्रकाश डाला | विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी नीति-निर्माण के लिए उन्होंने आगे बताया कि इस विषय पर सर्वेक्षण पहले 33वें दौर (जुलाई 1978-जून1979), 67वें दौर (जुलाई 2010-जून 2011) और 73वें दौर (जुलाई 2015-जून 2016) में किए गए थे। 2015-16 के नवीनतम उपलब्ध परिणामों के अनुसार, देश में लगभग 6.34 करोड़ असमाविष्ट गैर कृषि उद्यम (निर्माण क्षेत्र को छोड़कर) हैं और उनका वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में 51.3 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 48.7% है। देश में ऐसे उद्यमों में से 31% विनिर्माण में लगे थे, 36.3% व्यापार में लगे थे और शेष 32.6% अन्य सेवाओं में लगे थे। ऐसे उद्यमों का उच्चतम प्रतिशत उत्तर प्रदेश में पाया गया, उसके बाद पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है। ये पांच राज्य देश में असमाविष्ट गैर-कृषि उद्यमों (निर्माण को छोड़कर) की कुल अनुमानित संख्या का लगभग आधा हिस्सा हैं। श्री मिश्र ने आगे बाताया कि असंगठित गैर-कृषि उद्यमों में काम करने वाले मालिकों, अवैतनिक परिवारों के सदस्य सहित कुल श्रमिकों की संख्या लगभग 11.13 करोड़ थी, जिसमें से 55% शहरी क्षेत्रों और 45% ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते थे। इस ASUSE फील्ड वर्क का पहला राउंड अक्टूबर 2019-मार्च 2020 के दौरान आयोजित किया गया था और दूसरा राउंड अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान आयोजित किया गया था। मिश्र ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आर्थिक विकास की योजना बनाने में विश्वसनीय आकड़ों के महत्व और बड़ी संख्या में प्रतिष्ठानों के कारण असमाविष्ट क्षेत्र के उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका और इस क्षेत्र में अकुशल/अर्ध-कुशल/कुशल व्यक्तियों को प्रदान किए जाने वाले रोजगार के परिमाण के अलावा सकल घरेलू उत्पाद, बचत और पूंजी निर्माण में इसके योगदान पर भी प्रकाश डाला ।मिश्र ने प्रभावपूर्ण क्षेत्र कार्य के लिए इस तरह के प्रशिक्षण शिविर के महत्व को आगे बताते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा एकत्र किए जा रहे आकड़ों की उच्च स्तर की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखने पर जोर दिया | ये आकड़े E-Sigma CAPI सॉफ्टवेयर पर एकत्र किये जाएंगे जिससे उनके परिणाम शीघ्र जारी किए जायेंगे |
अंत में, मिश्र ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी सर्वेक्षण की सफलता और उससे प्राप्त आंकड़ों की विश्वसनीयता, सार्वजनिक सहयोग और सूचकों/उद्यमों द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण जानकारी पर निर्भर करती है। मिश्र ने सभी उद्यम स्वामियों से सर्वेक्षण के दौरान सहयोग करने की अपील की और जब भी सर्वेक्षण कर्मी उनके पास आएंगे, वे उनका पूरा सहयोग करेंगे। उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और इसका उपयोग केवल विकास योजना के नीति निर्धारण और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए किया जाएगें।
एकत्र किए गए आकड़ों और सर्वेक्षण के आधार पर आए परिणाम केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, संगठनों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे।
डॉ. प्रवीण शुक्ल, उप महानिदेशक ( मध्यांचल) अपने संबोधन में आँकड़ो की गुणवत्ता बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि चूकि यह कार्य सूचना प्रणाली/सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा एवं आँकड़े सीधे टैबलेट पर E-Sigma प्लेटफॉर्म के CAPI सॉफ्टवेयर के द्वारा एकत्रित किए जायेंगे, अत: अधिकारियों क्षेत्र कर्मियों को क्षेत्र कार्य के दौरान काफी सजग रहने की आवश्यकता है |
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में राज्य राजधानी क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ और क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज के उप क्षेत्रीय कार्यालयों के लगभग 140 अधिकारियों/क्षेत्र कर्मियों ने भाग लिया |