पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा गोसंरक्षण पोर्टल एवं मोबाइल एप का किया उद्घाटन - मानवी मीडिया

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Thursday, September 29, 2022

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा गोसंरक्षण पोर्टल एवं मोबाइल एप का किया उद्घाटन


लखनऊः(मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन तथा नागरिक सुरक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां लोक भवन स्थित मीडिया संेटर में विगत 06 माह में विभागों द्वारा किये गये कार्यों एवं उपलब्धियों के बारे में प्रेस प्रतिनिधियों को जानकारी दे रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने गोआश्रय पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारम्भ भी किया। इस संबंध में उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गो-संरक्षण की योजना के प्रारम्भ से निराश्रित गोवंश संरक्षण की दैनिक प्रगति हेतु एम.आई.एस. विकसित कराया गया था, जिसमें रियल-टाईम सूचना एवं अन्य कठिनाईयों के दृष्टिगत गो-आश्रय पोर्टल का विकास कराया गया है एवं इसके प्रयोग को सुगम बनाने हेतु एण्ड्राइड मोबाईल एप भी विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर अद्यतन प्रगति की उपलब्धता से प्रभावी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन का कार्य किया जा सकेगा। प्रत्येक स्तर पर अध्यावधिक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। प्रगति की जानकारी हेतु डैश-बोर्ड भी विकसित किया गया है। अधिकारियों द्वारा स्थलीय सत्यापन के समय किसी अमुक गोआश्रय स्थल से संबन्धित समस्त आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। पोर्टल के साथ मोबाईल एप में आनलाईन के साथ आफलाइन संचालन की भी सुविधा है। जिसे बाद में नेट एरिया में आने पर सिंक किया जा सकेगा। 

इसके अतिरिक्त गोवंश के भरण-पोषण से संबन्धित धनराशि को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से जनपदों/गोआश्रय स्थलों/सहभागियों को सीधे उनके बैंक खाते में हस्तान्तरण की सुविधा हेतु आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक में विभाग का सिंगल नोडल अकाउण्ट खोला जा चुका है तथा जीरो बैलेन्स अकाउण्ट भी खोले गये हैं। इस खाते से धनराशि के सीधे हस्तान्तरण के बाद संबन्धित को एस0एम0एस0 एलर्ट की भी सुविधा है जिससे अमुक अधिकारी/सहभागी को रियल टाईम जानकारी उपलब्ध हो सके। 56 जनपदों को उनकी मॉग के अनुक्रम में रू0 34.21 करोड़ की धनराषि का हस्तान्तरण किया गया तथा धनराशि समस्त संबन्धित को हस्तान्तरित हुई।

पशुधन विभाग के 06 माह के उपलब्धि के संबंध में उन्होंने बताया कि एक लाख निराश्रित गोवंश के संरक्षण के सापेक्ष 78695 गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है परन्तु प्रदेश में वर्तमान में प्रदेश में लम्पी रोग के फैलाव के दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के संरक्षण के कार्य को स्थगित किया है ताकि किसी रोग ग्रस्त गोवंश से गोआश्रय स्थल के गोवंश प्रभावित न हो जाएं। 40 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित कर ली गयी है। प्रदेश में 520 मोबाईल वेटेरिनरी वाहन के संचालन के अंतर्गत समस्त वाहनों का क्रय कर लिया गया है। वाहनों के संचालन हेतु सेवा प्रदाता संस्था के चयन की कार्यवाही क्रमित है। इस कार्य को एक वर्ष में पूर्ण किए जाने वाले लक्ष्य में सम्मिलित किए जाने के लिए कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से अनुरोध किया गया है। 40000 पशुओं का बीमा के लक्ष्य के सापेक्ष 45965 (114.91 प्रतिशत) की प्रगति प्राप्त की गयी, 40 लाख पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के सापेक्ष 4474132 (111.85 प्रतिशत) की प्रगति प्राप्त की गयी, 201000 वर्गीकृत वीर्य उत्पादन के लक्ष्य के सापेक्ष 205163 (102.07 प्रतिशत) की प्रगति प्राप्त की गयी तथा 3 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष 49991672 (166.63 प्रतिशत) की प्रगति प्राप्त कर ली गयी है। 

पशुधन मंत्री ने बताया कि गोवंश सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है इस हेतु 6384 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में लगभग 9 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.47 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण-पोषण धनराशि रू0 900/- प्रति गोवंश/प्रतिमाह के साथ दिया गया। प्रत्येक गोअश्रय स्थल का स्थलीय सत्यापन का कार्य क्रमित है। अब राज्य सरकार द्वारा बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना पर बल दिया जा रहा है जिसमें 2000 से 3000 गोवंश को संरक्षित कर उक्त गोआश्रय स्थल को स्वावलम्बी बनाया जा सके। इस हेतु 2000 तथा 3000 गोवंश क्षमता के वृहद गोआश्रय स्थलों के निर्माण हेतु लेआउट/डिजाईन तथा उक्तानुसार आंगणन पी0डब्लू0डी0 के सहयोग से तैयार कराया गया है। 2000 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 27 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 8.33 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। 3000 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 12.08 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। इसके निर्माण हेतु 20 जनपदों से प्रस्ताव भी प्राप्त हो गये हैं। “विकास खण्ड स्तरीय बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों” की स्थापना होने पर इन गोआश्रय स्थलों पर सी0बी0जी0/सी0एन0जी0 प्लान्ट की स्थापना आदि मूल्यवर्द्धक कार्यक्रम भी संचालित कराए जायेगें। 

पशुधन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमांचल के 30-जनपद लम्पी स्किन रोग से प्रभावित हैं जिसमें अब तक कुल 42810 गोवंश लम्पी स्किन रोग से प्रभावित उनमें से 26318 पशु रोग मुक्त (61.47 प्रतिशत) किए जा चुके हैं। अद्यतन 378 गोवंश की मृत्यु हुई है जो कुल प्रभावित पशु का मात्र 0.88 प्रतिशत है। प्रदेश में कुल 122.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध है तथा 27.5 लाख वैक्सीन की मॉग की गयी है। समस्त 75 जनपदों में गोवंश में टीकाकरण कार्यक्रम संचालित है। कुल 5678400 गोवंश का टीकाकरण हुआ है जो क्रमित है। 10 अक्टूबर तक एक करोड़ टीकाकरण लक्षित है। टीकाकरण कर रोग के नियंत्रण हेतु प्रदेश में कुल 2055 टीमों का गठन किया गया है। अर्न्तराज्यीय एवं अर्न्तजनपदीय सीमा से लगे जनपदों में सीमावर्ती विकास खण्ड/ग्रामों को टीकाकरण की प्राथमिकता है ताकि रोग के फैलाव को कम किया जा सके। प्रभावी एवं त्वरित चिकित्सा हेतु 150-मोबाईल वेटेरिनरी यूनिट (एम0वी0यू0) प्रदेश में संचालित हैं। प्रभावित गोवंश पशुओं को अलग रखने हेतु 76 आइसोलेशन सेन्टर स्थापित हैं।

दुग्ध विकास विभाग के कार्यो एवं उपलब्धियों के संबंध में श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि  प्रदेश में दुग्ध उपार्जन बढाने के दृष्टिकोण से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 220 समितियों का गठन एवं 450 समितियों का पुनर्गठन का लक्ष्य रखा गया था। 06 माह की अवधि में ही 200 समितियों का गठन एवं 300 समितियों का पुनर्गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि तरल दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की बिकी में वृद्धि हेतु नवाचार प्रयोग प्रथम बार अपना कर ई-कामर्स पोर्टल विकसित कराया गया, जिसके माध्यम से शहरी क्षेत्रों में पराग मित्रों से एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आनलाईन दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है। ई-कामर्स पोर्टल (चंतंहकंपतलण्बवउ) पर 06 माह में 10000 उपभोक्ताओं, महिला स्वयं सहायता समूह एवं पराग मित्रों को जोडने के लक्ष्य के सापेक्ष अद्यतन 37389 उपभोक्ता, 78 महिला स्वंय सहायता समूह तथा 213 पराग मित्रों को जोड़ा गया है। पोर्टल से अद्यतन लगभग रू0 4.00 करोड़ का व्यवसाय किया जा चुका है। आर0आई0डी0एफ0 योजनान्तर्गत प्लान्टो की स्थापना के संबंध में उन्होंने बताया कि नवीन ग्रीनफील्ड डेयरी प्लान्ट लखनऊ का लोकार्पण कराया गया। 

श्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि आईसगक्रीम प्लान्ट के संचालन के तहत बरेली डेयरी प्लान्ट को पूर्ण कराते हुए 03 जून, 2022 से आईसक्रीम का उत्पादन आरम्भ कराया गया। अयोध्या डेयरी प्लान्ट की स्थापना के तहत अयोध्या जनपद में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट का कार्य कार्यदायी संस्था से पूर्ण कराया गया तथा दुग्ध प्रसंस्करण का कार्य नये प्लान्ट में अगस्त, 2022 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ किया जा चुका है। वर्तमान में घी एवं मक्खन का उत्पादन भी प्रारम्भ हो गया है। गोरखपुर व मुरादाबाद डेयरी प्लान्ट में हस्तगत होने के पश्चात घी टिन व घी पेटजार के ट्रायल का कार्य अधूरा था, जिसे पूर्ण कराया गया। गोकुल व नन्दबाबा पुरस्कार वितरण हेतु लाभार्थियो का चयन के संबंध में उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के गोकुल पुरस्कार के वितरण हेतु 65 अर्ह लाभार्थियों एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 के गोकुल पुरस्कार के वितरण हेतु 71 लाभार्थियों का चयन कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के नन्द बाबा पुरस्कार वितरण हेतु 156 लाभार्थियों का चयन कर लिया गया है, जिन्हे इस वर्ष पुरस्कृत किया जाना है।

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की उपलब्धियों के संबंध में  धर्मपाल  ने बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम अन्तर्गत रू0 78.94 करोड़ की धनराशि से अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 30 पाइप पेयजल परियोजनाओं को पूर्ण कराते हुए जनोपयोगी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन 11 पाइप पेयजल परियोजनाओं को माह अक्टूबर, 2022 तक तथा 21 पाइप पेयजल  परियोजनाओं को माह नवम्बर, 22 तक पूर्ण करा कर जनोपयोगी  बनाये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी। विभिन्न क्षेत्रों (शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल इत्यादि) की रू0 65.52  करोड़ की 15 नवीन परियोजनाओ में से 13 परियोजनाओं में  कार्यदायी संस्था नामित करते हुए धनराशि जारी कर दी गई है। 

  मदरसा शिक्षा के अन्तर्गत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के दृष्टिगत ई-लर्निंग ऐप ;डम्स्।द्ध विकसित किया गया है। इससे मदरसों के  छात्र/छात्राओं को शिक्षा हेतु एक ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध हुआ है। इसके साथ-साथ मदरसों के मेघावी छात्र-छात्राओं को टैबलेट व पुरस्कार राशि देकर सम्मानित भी किया गया है। सभी महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल कराते हुए इसे और अधिक प्रेरणादायक बनाये जाने की कार्यवाही कर ली गई है। 

 धर्मपाल ने बताया कि अनुदानित मदरसों में कार्यरत महिला कार्मिकों को भी बेसिक शिक्षा विभाग/माध्यमिक शिक्षा विभाग के समान मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश की सुविधा का लाभ दिया गया है। अनुदानित मदरसों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के परस्पर स्थानान्तरण की व्यवस्था लागू कर स्थानान्तरण सुविधा का लाभ प्रदान किया गया है। अनुदानित मदरसों में वैध प्रबन्ध समिति के अस्तित्व में न रहने की दशा में मृतक आश्रित की नियुक्ति प्रधानाचार्य एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के माध्यम से किये जाने की पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है।  

  आई.डी.एम.आई. (इन्फास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट इन माइनॉरिटी इन्स्टीट्यूशन्स) योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित 24 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं में आधारभूत संरचना का विकास धनराशि रू0 5.42 करोड़ से किया  गया है। इसके तहत शिक्षण कक्ष, छात्रावास, शौचालय इत्यादि का निर्माण कराया गया। इन कार्यों में लाभान्वित शिक्षण संस्थाओं के  छात्र/छात्राओं को शिक्षा हेतु बेहतर सुविधाएं प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि लखनऊ इम्बारकेशन से 4256 व नई दिल्ली इम्बारकेशन से 3196 इस प्रकार उ0प्र0 के कुल 7452 हज ़यात्री भेजे गये। वर्ष 2017 से ही प्रतिवर्ष हज यात्रियों के सुविधा के लिए सरकारी खर्च पर हज सेवक (खादिमुल हुज्जाज) भेजे जा रहे हैं। इसी क्रम में हज 2022 हेतु 50 हज सेवकों को भेजा गया है।  

राजनैतिक पेंशन विभाग की 06 माह में किये गये कार्य एवं उपलब्धियांे के संबंध में  धर्मपाल  ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सम्प्रति 37 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं 1040 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित (कुल-1077) हैैं। उत्तर प्रदेश में सम्प्रति 4968 लोकतंत्र सेनानी एवं 933 लोकतंत्र सेनानी आश्रित (कुल-5901) हैं। राजनैतिक पंेशन विभाग में मुख्यतः स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों को मासिक पेंशन रू0 20,176/- प्रतिमाह एवं लोकतंत्र सेनानियों (पति/पत्नी) को मासिक सम्मान राशि रू0 20,000/- प्रतिमाह प्रदान की जाती है।

  स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व लोकतंत्र सेनानियों को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा के देयकों का समयबद्ध रूप से भुगतान किया जा रहा है। कोई देयक अवशेष नहीं है। राजनैतिक पेंशन विभाग में समस्त शासकीय कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से किया जा रहा है। राजनैतिक पेंशन विभाग की वेबसाइट को स्टेटिक से डाइनेमिक में परिवर्तित किया गया है, जिससेे सेनानी/आश्रित ऑनलाइन आवेदन कर सकेगें एवं उनकी समस्याओं का निस्तारण भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। विगत 6 माह में राजनैतिक पेंशन विभाग में प्राप्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों तथा लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों के  लगभग 400 आवेदन/शिकायतों का निस्तारण किया गया है। इसके साथ-साथ आई0जी0आर0एस0 पोर्टल के लगभग 130 सन्दर्भो का निस्तारण किया गया है।

नागरिक सुरक्षा विभाग की उपलब्धियांे के संबंध में  धर्मपाल ने बताया कि नागरिक सुरक्षा विभाग में 12 आकस्मिक सेवायें संचालित की जाती हैं। नागरिक सुरक्षा कोर के स्वयंसेवक किसी भी आकस्मिक घटना के समय फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में कार्य करते हैैं। प्रदेश में कुल 26 जनपदों में नागरिक सुरक्षा कोर अधिसूचित हैं, जिनमें 15 जनपदों  में  नागरिक सुरक्षा कोर पूर्ण रूप से क्रियाशील है। विगत 06 माह हेतु निर्धारित लक्ष्य के अनुसार नवसृजित 09 नागरिक सुरक्षा जनपदों का मास्टर प्लान तैयार कराकर इन जनपदों में 832 स्वयंसेवकों की भर्ती कर ली गयी है।

नागरिक सुरक्षा ईकाइयों में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर तिरंगा रैली का आयोजन, देशभक्त महापुरूषों एवं शहीदों की याद में चित्र प्रदर्शनी, नो सिंगल यूज प्लास्टिक बैन जागरूकता कार्यक्रम, बृहद योग शिविर का आयोजन, वृक्षारोपण एवं स्वैच्छिक रक्तदान हेतु जनसामान्य को जागरूक किया गयाद्य स्वयंसेवकों द्वारा शांति व्यवस्था हेतु रामनवमी, नवरात्रि, रमजान, मोहर्रम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्वों में स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग किया गया। केन्द्रीय नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ को उत्तर एवं पूर्व भारत के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रशिक्षण संस्थान में नागरिक सुरक्षा विभाग एवं अन्य विभागों से नामित होने वाले कार्मिकों के प्रशिक्षण हेतु विगत 06 माह में 12 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। लखनऊ जनपद में दिनांक 28.04.2022, गोरखपुर जनपद में दिनांक 29.04.2022 एवं जनपद बरेली में  दिनांक 30.04.2022 को हवाई हमले से बचाव हेतु जनसामान्य को जागरूक करने के लिए ब्लैकआउट का वृहद आयोजन किया गया। उच्च न्यायालय, खंडपीठ लखनऊ के द्वार के समक्ष दिनांक 01.06.2022 को एवं गाजियाबाद में दिनांक 03.08.2022 को लगी भयंकर आग को बुझाने में नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों द्वारा फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में सहयोग प्रदान किया गया।

प्रेसवार्ता में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री  दानिश आजाद अंसारी जी उपस्थित थे। डा0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास, अपर मुख्य सचिव, नागरिक सुरक्षा एवं राजनैतिक पेंशन राजन शुक्ला, अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण  मोनिका एस0 गर्ग,  देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण  इन्दुमति, डा0 इन्द्रमनि, निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डा0 प्रमोद कुमार सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, डा0 एस0के0 अग्रवाल, अपर निदेशक, डा0 अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक, डा0 नीलम बाला, उप निदेशक एवं अन्य शासन तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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