वाराणसी (मानवी मीडिया) लर्निंग लाइसेंस के लिए लागू फेसलेस व्यवस्था साइबर कैफे संचालकों की कमाई का जरिया बन गया है। इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों के कैफे में अलग-अलग रेट तय है। चौकाघाट इलाके में चल रहे साइबर संचालक लर्निंग लाइसेंस के लिए 4500 से 5000 और करौंदी में 5000 से 5500 रुपये वसूल रहे हैं। करौंदी में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का रेट अधिक है। जबकि, सरकारी शुल्क 1350 रुपये है। साइबर संचालक अभ्यर्थियों को लिखित और वाहन चालने की परीक्षा भी पास कराने की गारंटी लेते हैं।
कुछ कैफे में अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा पास कराने वाले सहायक भी हैं। वे कप्यूटर के पीछे से इशारे कर प्रश्न हल कराते हैं। कुछ कैफे में कंप्यूटर को एनीडेस्क पर भी लेकर परीक्षा पास कराई जाती है। अभ्यर्थी कंप्यूटर के सामने सिर्फ बैठा रहता है। सभी सवालों के जवाब दूसरा दे देता है।
मिल जाता है पास का सर्टिफिकेट
साइबर संचालकों की परिवहन विभाग में भी पैठ है। परमानेंट लाइसेंस के लिए अभ्यर्थियों को वाहन चलाकर दिखाना नहीं पड़ता। उनके हाथ में पहले ही वाहन चलने में पास होने का सर्टिफिकेट आ जाता है। बताया जाता है कि इसके लिए एक दिन पहले अधिकारी के पास फाइल पहुंच जाती है।
वाहन ट्रांसफर का भी ले रहे ठेका
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के साथ साइबर कैफे चलाने वाले अब वाहन ट्रांसफर, लाइसेंस रिन्यूवल, फिटनेस, रजिस्ट्रेशन और परमिट दिलाने का भी काम ले रहे हैं। इसके लिए बाबतपुर स्थित परिवहन कार्यालय में भी वहां के अधिकारियों और लिपिकों से साठगांठ कर ली है।
तीन महीने में 187 लर्निंग लाइसेंस कैंसिल
तीन महीने में परिवहन विभाग ने 187 लर्निंग लाइसेंस कैंसिल किए हैं। ये लर्निंग लाइसेंस उन परीक्षार्थियों के कैंसिल किये गए हैं, जिनकी परीक्षा के समय गतिविधियां संदिग्ध थी। इनमें तीन परीक्षार्थी युवती की जगह युवक परीक्षा दे रहे थे। सभी फेल परीक्षार्थियों को प्रश्न लर्निंग लाइसेंस की परीक्षा देनी पड़ेगी
ऐसे खुली पोल
- अभ्यर्थी - यहां लाइसेंस बन जाएगा?
- कैफे संचालक- हां बिल्कुल बन जाएगा।
- अभ्यर्थी-कितना खर्चा आएगा।
- कैफे संचालक-5000 हजार रुपये।
- अभ्यर्थी - टेस्ट के लिए नहीं जाना पड़ेगा?
- कैफे संचालक- अरे भाई, टेस्ट छोड़िए, वाहन तक चलाकर नहीं दिखाना होगा।
- अभ्यर्थी-ये सब कैसे करिएगा, हम पढ़ाई में कमजोर हैं
- कैफे संचालक- देखिए, आपको कुछ नहीं करना होगा, जो करना है सब हम करेंगे।
- अभ्यर्थी -कुछ पैसा कम नहीं होगा।
- कैफे संचालक-परिवहन विभाग वालों को भी देना पड़ता है। वहां एक पैसा नहीं कम होता है।