मीडिया से बात करते हुए बिंदु के बेटे विवेक ने अपनी सफलता के बारे में कहा कि हम एक साथ कोचिंग में तैयारी करने के लिए गए। गर्व से अपने माता-पिता के बारे में बताते हुए विवेक आगे कहते हैं, मेरी मां ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। इसके साथ ही मेरे पिता ने हमारे लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की। हमें अपने शिक्षकों से बहुत प्रेरणा मिली। हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि हम एक साथ क्वालिफाई करेंगे। हम दोनों बेहद खुश हैं।
बिंदू पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी शिक्षिका हैं। विवेक ने अपनी मां की पढ़ाई के बारे में बताते हुए एक टीवी चैनल से कहा कि मां हमेशा पढ़ाई नहीं कर पाती थीं। वह समय मिलने पर और आंगनबाड़ी की अपनी ड्यूटी के बाद पढ़ाई कर पाती थीं। वहीं बिंदू ने बताया कि उन्होंने ‘लास्ट ग्रेड सर्वेंट’ (एलडीएस) परीक्षा पास की है और उनकी 92वीं रैंक आई है, जबकि उनके बेटे विवेक ने अवर श्रेणी लिपिक (एलडीसी) की परीक्षा उत्तीर्ण की है और उसकी 38वीं रैंक आई है।
बिंदू ने बताया कि उन्होंने एलडीएस के लिए दो बार और एलडीसी के लिए एक बार कोशिश की थी। यह उनका यह चौथा प्रयास था और यह सफल रहा। उनका वास्तविक लक्ष्य आईसीडीएस पर्यवेक्षक परीक्षा थी और एलडीएस परीक्षा पास करना एक ‘बोनस’ है।