आयकर विभाग ने सोमवार देर रात वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भरे गए कुल आयकर रिटर्न की संख्या का खुलासा किया और बताया कि 31 जुलाई तक कुल 5.83 करोड़ करदाताओं ने अपना रिटर्न भर दिया है। अगर हम पिछले साल की संख्या देखें तो यह 6.8 करोड़ थी. ऐसे में करीब 90.7 लाख करदाता इस बार रिटर्न भरने से चूक गए हैं। यह संख्या तो पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करने पर आई है, जबकि वास्तविक संख्या निश्चित तौर पर एक करोड़ के पार होगी।
फिलहाल जो करदाता 31 जुलाई तक रिटर्न भरने से चूक गए हैं, उन्हें आयकर विभाग 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न भरने की छूट देता है, लेकिन इसके लिए लेट फीस और जुर्माना चुकाना पड़ेगा। आयकर नियमों के मुताबिक, जिन करदाताओं की आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें 1000 रुपये की लेट फीस देनी होगी, जबकि 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले 5,000 रुपये की लेट फीस के साथ अपना रिटर्न भर सकते हैं।
दरअसल, आयकर विभाग ने इस साल रिटर्न भरने वालों की संख्या 7 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया था, जो पिछले साल से महज 32 लाख ज्यादा थी। ऐसे में इस अनुमान को सटीक भी माना जा रहा था, लेकिन वास्तविक संख्या सामने आने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि अब एक करोड़ करदाताओं को रिटर्न भरने के लिए जुर्माना और लेट फीस देना पड़ सकता है।