राज्य सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार अब ओडीओपी उत्पादों की विश्व स्तरीय पैकेजिंग के लिए लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग (एमएसएमई) अंतरराष्ट्रीय पैकेजिंग संस्थान से प्रदेश में इसकी एक शाखा खोलने के बाबत बात कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसके लिए सरकार संस्था को इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में जगह देने के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि संस्थान की शाखा खुलने के बाद जिलों के ओडीओपी उत्पादों की जरूरत के अनुसार पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उत्पाद बाजार की मांग के अनुसार गुणवत्ता में वैश्विक स्तर के हों, इसके लिए हर जिले को एक स्थानीय तकनीकी संस्थान से जोड़ा जाएगा। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल के अनुसार यह कार्यवाई तीन हफ्ते के अंदर होनी है।
उत्पाद जैसे दिखेंगे, वैसे बिकेंगे, इस तर्ज पर इन उत्पादों के प्रदर्शन पर जोर होगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार केंद्र सरकार के हर मंत्रालय के कार्यालय में ओडीओपी के कम से कम एक आउटलेट खोले जाएंगे। यहां तैनात कर्मचारियों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह उत्पाद की खूबियों के बारे में आगन्तुकों को बेहतर तरीके से बता सकें। इसी तरह के आउटलेट मंडल स्तर के रेलवे स्टेशनों और प्रमुख एयरपोर्ट्स पर भी खोले जाएंगे।
देश-दुनिया में ऐसे उत्पादों की आयोजित होने प्रदर्शनियों में ओडीओपी के उत्पादों का अधिक से अधिक प्रतिभाग हो इसके लिए इनमें जाने वालों के खर्च के साथ उनके रहने का व्यय भी सरकार वहन करेगी। देश-दुनिया में होने वाले ऐसे आयोजनों का विभाग एक कैलेंडर तैयार करेगी। इन प्रदर्शनियों की खासियत के अनुसार ओडीओपी के उत्पादों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। ऑनलाइन बाजार के बढ़ते क्रेज के मद्देनजर सरकार इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को और विस्तार देगी।
इस बाबत पहले ही अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन दिग्गज कंपनियों से मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग हो चुका है। हाल ही में सरकार और अमेजन के बीच एक एमओयू पर दस्तखत किए गए हैं। अमेजन ने कानपुर में एक डिजिटल केंद्र स्थापित किया है। इससे ओडीओपी इकाइयों को अपना उत्पादन बेचने का देश-दुनिया में बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।
ज्ञात हो कि 24 जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर ओडीओपी योजना लांच हुई थी। इसके बाद से सरकार लगातार ओडीओपी उत्पादों की ब्रांडिंग में लगी है। सिद्धार्थनर का काला नमक चावल महोत्सव, मुजफ्फरनगर एवं लखनऊ में आयोजित गुड़ महोत्सव इसका प्रमाण है।