हाथ के पंजे का निशान बना सुबूत सात की हत्या में पूर्व ड्राइवर दोषी - मानवी मीडिया

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Sunday, July 31, 2022

हाथ के पंजे का निशान बना सुबूत सात की हत्या में पूर्व ड्राइवर दोषी


लखनऊ (मानवी मीडिया)गाजियाबाद। अनाज मंडी में कारोबारी सतीश गोयल और उनके परिवार के छह लोगों की हत्या में पूर्व ड्राइवर राहुल को अदालत ने दोषी करार दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्मल चंद्र सेमवाल उसे सोमवार को सजा सुनाएंगे। लूट के इरादे से किए गए इस चर्चित हत्याकांड में राहुल के जुर्म को साबित करने में सबसे अहम सुबूत मौका ए वारदात से दीवार पर मिले खून से सने हाथ के पंजे का निशान रहा। फोरेंसिक जांच में साफ हो गया था कि यह निशान उसके ही पंजे का था। नौ साल चली सुनवाई में उसके खिलाफ 30 लोगों ने गवाही दी।

शहर को बीचोबीच नई बस्ती की अनाज मंडी में यह वारदात 21 मई 2013 की रात में हुई थी। खल-चूरी कारोबारी सतीश गोयल, पत्नी मंजू गोयल, बेटे सचिन गोयल, सचिन की पत्नी रेखा गोयल, सचिन के बेटे-बेटी अमन, मेघा और हनी की घर में सोते समय चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। किसी पर चार तो किसी पर पांच प्रहार किए गए। 22 की सुबह सतीश गोयल को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने के लिए कंपाउंडर आया, तब हत्याकांड का पता चला। सतीश गोयल के परिवार में शादीशुदा दो बेटियां और एक दामाद बचे हैं। बेटी शैली गाजियाबाद में ही रहती हैं। उनके पति सचिन मित्तल केस की पैरवी कर रहे हैं। दूसरी बेटी सपना सिंघल गुरुग्राम में रहती हैं।

नामजद कराई गई थी एफआईआर

एफआईआर सतीश गोयल के दामाद सचिन ने दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व ड्राइवर राहुल वर्मा को नामजद कराया गया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता संजय त्यागी ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट से साबित हो गया कि राहुल मौका ए वारदात पर मौजूद था।

नौकरी से हटाने के बाद की हत्या

बजरिया निवासी राहुल ने हत्याकांड से 15 दिन पहले ही सतीश गोयल के घर से 4.50 लाख की चोरी की थी। इसमें उसके खिलाफ घंटाघर कोतवाली में तहरीर दी गई। पुलिस से ढूंढ रही थी और उसने पूरे परिवार की ही हत्या कर डाली।

26 लाख लूटने का था इरादा

सतीश गोयल का गुर्दा खराब हो चुका था। पत्नी ने गुर्दा देने का फैसला किया था। प्रत्यारोपण की तैयारी हो चुकी थी। राहुल ने पूछताछ में बताया था कि उसके पास सूचना थी कि प्रत्यारोपण के लिए घर में 26 लाख रुपये रखे हैं। वह इन्हें लूटने आया था। चेहरे से नकाब हट जाने पर पहचान लिया गया तो सबकी हत्या कर दी।

ये भी अहम सुबूत

1. हत्याकांड के लिए डासना गेट से 80 रुपये में चाकू खरीदा था, दुकानदार ने राहुल को पहचान लिया।

2. चाक मारते हुए राहुल घायल हो गया था, उसने कालागढ़ी में उपचार कराया, डाक्टर ने इसकी गवाही दी।

3. उसके पास से सचिन की अंगूठी बरामद हुई। सचिन की बहन ने अंगूठी को पहचान लिया।

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