उपभोक्‍ता के हितों की रक्षा करने , राज्‍य स्‍तरीय मानकीकरण समित का गठन - मानवी मीडिया

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Sunday, July 17, 2022

उपभोक्‍ता के हितों की रक्षा करने , राज्‍य स्‍तरीय मानकीकरण समित का गठन

लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट माप मंत्री आशीष पटेल आज लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रदेश सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट माप विभाग की उपलब्धियों के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता कर जानकारी दी।

उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने बताया कि प्रदेश के उपभोक्‍ताओं के हितों के संरक्षण एवं उनकी शिकायतों के निस्‍तारण के लिए, उपभोक्‍ता संरक्षण एवं बाट माप विभाग, ने विगत 100 दिनों में उपभोक्‍ता न्‍यायालयों द्वारा एक अभियान के तहत, एक वर्ष से अधिक लम्बित 1419 वादों का निस्‍तारण किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के उपभोक्‍ताओं की शिकायतों के शीघ्र निस्‍तारण हेतु राज्य आयोग तथा जिला आयोगों में विगत 100 दिनों में 351 मीडिएटर्स की नियुक्ति की गयी है। माह दिसम्‍बर, 2022 तक रिक्‍त/रिक्‍त होने वाले अध्‍यक्ष के पदों के चयन के संबंध में कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। विगत 100 दिनों में जिला आयोगों के अध्यक्ष के 17 पदों पर तथा सदस्य के 17 पदों पर नियुक्ति की गयी है। प्रत्‍येक दो माह में आखिरी शनिवार को उपभोक्‍ता अदालतों का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है और आगामी 30 जुलाई 2022 को उपभोक्‍ता अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अपने पत्र दिनांक 24.06.2022 के माध्यम से राज्य आयोग द्वारा प्रकरणों के निस्तारण की प्रसंशा करते हुए इस प्रयोजन हेतु एक मैनुअल तैयार करने की अपेक्षा की है जिससे कि अन्य राज्य आयोग द्वारा इसे अनुसरित किया जा सके। 

बांट माप मंत्री ने बताया कि व्‍यापारिक लेन-देन में प्रयुक्‍त बाट माप के सत्‍यापन से संबंधित 06 सेवायें प्रदेश के 18 जनपदों में ऑनलाइन संचालित थी। विधिक माप विज्ञान विभाग द्वारा सरकार गठन के 100 दिवस की अवधि में उक्‍त सेवाओं को विस्‍तारित कर प्रदेश में 75 जनपदों में ऑनलाइन उपलब्‍ध करा दिया गया है। पूर्व से संचालित लाइसेंस एवं पंजीकरण सम्बन्धी कुल 07 सेवाओं सहित वर्तमान में 13 सेवाएं सम्पूर्ण प्रदेश में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जिसमे बाट-माप के निर्माण हेतु विनिर्माता अनुज्ञा-पत्र का निर्गमन, बाट-माप के विक्रय हेतु व्‍यवहारी अनुज्ञा-पत्र का निर्गमन, बाट-माप के मरम्‍मत हेतु मरम्‍मतकर्ता अनुज्ञा-पत्र का निर्गमन,  बाट-माप के विनिर्माता अनुज्ञा-पत्र का नवीनीकरण, बाट-माप के व्‍यवहारी अनुज्ञा-पत्र का नवीनीकरण, बाट-माप के मरम्‍मतकर्ता अनुज्ञा-पत्र का नवीनीकरण, डिब्‍बाबन्‍द वस्‍तुओं के निर्माता/पैकर के नाम व पते का पंजीयन, कार्यालय/शिविर में प्रस्‍तुत बाट-माप का सत्‍यापन/पुन:सत्‍यापन मुद्रांकन, पेट्रोल/डीजल पम्‍प का सत्‍यापन/पुन: सत्‍यापन मुद्रांकन, फ्लोमीटर (प्रवाह मीटर) का सत्यापन/पुन: सत्‍यापन मुद्रांकन,  आटोरिक्‍शा/टैक्‍सी मीटर का सत्‍यापन/पुन: सत्‍यापन मुद्रांकन,  सी.एन.जी./एल.पी.जी. डिस्‍पेन्‍सर का सत्‍यापन/पुन: सत्‍यापन मुद्रांकन तथा  स्‍टोरेज टैंक का सत्‍यापन/पुन: सत्‍यापन मुद्रांकन शामिल है। उन्होंने बताया कि  सेवाओं के ऑनलाइन होने से व्‍यवस्‍था में Human Interface न्‍यूनीकृत कर, पार‍दर्शिता, समयशीलता एवं त्‍वरित निष्‍पादन से व्‍यवसायियों एवं उपभोक्‍ताओं में शासन के प्रति विश्‍वास की भावना बलवती होगी। विभाग द्वारा प्रदान किये जाने वाले लाइसेंसों का नवीनीकरण भी आटो-रिन्‍यूवल मोड में किया जा रहा है। इन सेवाओं से सम्‍बन्धित शुल्‍क भी ऑनलाइन जमा किये जाने की सुविधा प्रदेश की सभी 75 जिलों में लागू कर दी गयी है।

उपभोक्‍ता संरक्षण एवं बाट माप मंत्री ने बताया कि  प्रधानमंत्री जी व मुख्‍यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश में  ईज ऑफ लिविंग एवं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की अवधारणा को साकार करने के लिए डिक्रिमिनलाइजेशन एवं कंप्लायंस बर्डन को न्‍यूनतम किये जाने का लक्ष्‍य उपभोक्‍ता संरक्षण एवं बाट माप विभाग ने प्राप्‍त किया है, विभाग के अन्‍तर्गत प्रभावी प्रादेशिक नियमावलियों के नियमों में सी.आर.पी.सी. के अन्‍तर्गत कार्यवाही अपेक्षित नहीं रह गयी है। उन्होंने बताया कि विधिक माप विज्ञान अधिनियम,-2009 एवं इसके अन्‍तर्गत प्रख्‍यापित विभिन्‍न नियमावलियों के प्राविधानों को समेकित कर एक विभागीय ‘मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure)’ तैयार की गयी है, जिसका उद्देश्‍य विभागीय कार्यो में एकरूपता लाना है। विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP), ई-बुक के रूप में विभागीय वेबसाईट पर उपलब्‍ध है। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसरण से जहाँ विभागीय कार्यों में त्वरिता एवं एकरूपता आएगी वहीं इससे कारोबार में सुगमता के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण में भी अभिवृद्धि होगी।  

मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि प्रदेश के उपभोक्‍ताओं के हित संरक्षण हेतु बनाये गये अधिनियमों/नियमावलियों के अधीन विगत 100 दिनों के भीतर 1,44,236 व्‍यापारियों का निरीक्षण करते हुए, अनियमितता पाये जाने पर कुल 9,939 व्‍यापारियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की गयी, जिनमें से 5,835 व्‍यापारियों का विभागीय शमन द्वारा निस्‍तारण करते हुए कुल रु० 3.17 करोड़ बतौर शमन शुल्‍क प्राप्‍त किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार उपभोक्‍ताओं को सही माप में डीजल व पेट्रोल उपलब्‍ध  कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्‍यमंत्री  के निर्देश के अनुपालन में प्रदेश के पेट्रोल पम्‍पों पर उपभोक्‍ताओं को सही माप में डीजल व पेट्रोल उपलब्‍धता सुनिश्चित कराने के लिए विशेष जाँच अभियान के अन्‍तर्गत 100 दिनों के भीतर प्रदेश के 9,511 पेट्रोल पम्‍पों में से 2,632 पेट्रोल पम्‍पों की अब तक जांच की जा चुकी है और अनियमितता पाये जाने पर 43 पेट्रोल/डीजल पम्‍पों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की गयी है तथा अवशेष की जाँच जारी है।

मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि उपभोक्‍ता के हितों की रक्षा करने के उद्देश्‍य से भारतीय मानकों के उपयोग को बढावा देने के लिए राज्‍य स्‍तरीय मानकीकरण समिति (State Level Committee on Standardization) का गठन किया गया है। मुख्‍य सचिव, उ0 प्र0 शासन की अध्‍यक्षता वाली यह समिति, नये भारतीय मानकों को तय करने के क्षेत्रों का चिन्‍हांकन, तय मानकों को लागू करने के संबंध में सक्षम प्रणाली को विकसित करने, गुणवत्‍ता नियंत्रण आदेशों के प्रभावी क्रियान्‍वयन के उपाय करने, उपभोक्‍ताओं के मध्‍य में भारतीय मानकों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्‍य से भारत सरकार की अपेक्षा अनुसार गठित की गयी है। विभाग, उपभोक्‍ताओं के हितों के संरक्षण के प्रति दृढसंकल्‍प है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की जनसामान्य के हित संरक्षण की प्रतिबद्धता के दृष्टिगत विभाग द्वारा विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया  जा रहा है तथा विभागीय सेवाओं हेतु प्राप्त आवेदन-पत्रों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। 


 


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