सीएम योगी को भेजेगी प्रस्ताव : देश के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को गोद लेगी अखाड़ा परिषद - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, June 2, 2022

सीएम योगी को भेजेगी प्रस्ताव : देश के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को गोद लेगी अखाड़ा परिषद

 


प्रयागराज (मानवी मीडिया अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने देश भर में उपेक्षित और जीर्ण मंदिरों को अपनाने का फैसला किया है। एबीएपी ऐसे मंदिरों में मरम्मत कराकर पूजा की व्यवस्था करने को तैयार है। वह इन मंदिरों की आवश्यक मरम्मत कार्य करने के लिए राज्य सरकारों से उचित अनुमति चाहता है ताकि भविष्य में प्रशासनिक स्तर पर कोई समस्या न हो। इसके लिए एबीएपी के पदाधिकारी ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसे वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देंगे और उनसे इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे।

अखाड़ा परिषद ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों का सर्वे किया है। परिषद के द्रष्टाओं द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि प्रदेश भर में 40,000 से अधिक छोटे मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। ये सभी मंदिर शहरों, कस्बों, बाजारों और गांवों के बाहरी इलाके में स्थित हैं। जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक और एबीएपी के महासचिव महंत हरि गिरि ने दावा किया कि उनकी दुख भरी दास्तां के अलावा हमारे लिए इससे ज्यादा दुख की बात यह है कि उनमें न तो पूजा की व्यवस्था है और न ही उनकी उचित देखभाल की जाती है। इतना ही नहीं, ज्यादातर मंदिरों की जमीन फर्जी लीज पर निजी मालिकों को दे दी गई है। कुछ मामलों में, अन्य धर्मों को मानने वालों को पट्टे दिए गए हैं और उन्होंने अपनी पसंद के निर्माण के लिए जमीन का इस्तेमाल किया है।

परिषद ने मठों और मंदिरों की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने और इसे गुरुकुल के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया है। महंत हरि गिरि ने कहा कि देश भर में लाखों मंदिरों की उपेक्षा की जाती है। यूपी में उनकी संख्या हजारों में है। कोई भी मंदिर बिना पूजा के नहीं रहना चाहिए और सरकार इसकी व्यवस्था करने में अखाड़ा परिषद की मदद ले सकती है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव यूपी के मुख्यमंत्री को दिया जाएगा और वह मंदिरों के रख-रखाव की जिम्मेदारी 13 में से किसी भी अखाड़े को सौंप सकते हैं। अखाड़े अपने खर्च पर धार्मिक गतिविधियों का संचालन करेंगे।

बजट में बुजुर्ग संतों और पुजारियों के लिए व्यापक कल्याण योजना कार्यान्वयन बोर्ड गठित करने के योगी सरकार के फैसले पर महंत हरि गिरि ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म के हित में एक प्रेरणादायक कदम उठाया है और हर राज्य की सरकारों को उनसे सीखना चाहिए। उन्होंने मांग की कि गरीब संतों का रखरखाव एक बोर्ड के माध्यम से किया जाए और संबंधित राज्य सरकारें अपने राज्यों के संतों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं। गिरि ने आगे मांग की कि सरकार को उन्हें मासिक मानदेय देना चाहिए ताकि उन्हें अपने जीवन के अंतिम चरण में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।


Post Top Ad