श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अब चार जुलाई को - मानवी मीडिया

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Monday, May 30, 2022

श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अब चार जुलाई को


वाराणसी  (मानवीय सोच) ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी  के नियमित दर्शन पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दायर वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में लंबी बहस चली। वाद को निरस्त करने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने दो घंटे तक दलीलें दीं। दलीलों के बीच जिला जज ने सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय की है। अगली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे। अभी तक इस मामले में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें नहीं रखी हैं। इधर, कोर्ट आज शाम तक पक्षकारों को सर्वे फुटेज सौंप सकती है।


पक्षकार बनने के लिए कई लोगों ने दिया आवेदन
श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले में पक्षकार बनने के लिए सोमवार को अदालत में आवेदनों की झड़ी लग गई। हिंदू सेना, ब्राह्मण सभा, निर्मोही अखाड़ा, मूल देवता काशी विश्वनाथ मंदिर के वाद मित्र विजयशंकर रस्तोगी समेत कई अन्य लोगों ने पक्षकार बनाने के लिए जिला जज की अदालत में आवेदन दिया। इससे पहले भी पक्षकार बनने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी समेत कई अन्य लोगों ने आवदेन दिया है। 


फास्ट ट्रैक कोर्ट में अब 8 जुलाई को सुनवाई
ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और पूजा-पाठ की मांग के साथ ही इसमें मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक की मांग को लेकर दायर वाद पर सुनवाई आज फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। अदालत ने वादी समेत तमाम पक्षकारों से मुकदमे पर आपत्ति मांगी। मामले की अगली सुनवाई अब 8 जुलाई को होगी। 

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था
जिला जज की अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तिथि तय की थी। आज भी दो घंटे तक सुनवाई चली लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी नहीं हो सकी। अब चार जुलाई को अगली सुनवाई होगी।  चार जुलाई को भी मसाजिद कमेटी अपनी बहस जारी रखेगा। 

अदालत में  दीन मोहम्मद मामले के फैसले का जिक्र
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने आदेश 7 नियम 11 में पोषणीयता के आवेदन में दिए गए 52 पॉइंट में 39 को कोर्ट में पढ़ा और दलीलें दीं। जिसमें दीन मोहम्मद  मामले के फैसले का जिक्र किया गया। 

दो घंटे की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने कई बिंदुओं पर रखी दलील

श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दायर वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने अपना पक्ष रखा। दो घंटे चले सुनवाई के दौरान उन्होंने वादी पक्ष के दावे पर अपनी दलीलें दी। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए चार जुलाई की तिथि तय की। 
 
निर्मोही अखाड़े ने भी पक्षकार बनने के लिए दिया आवेदन
श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में निर्मोही अखाड़े ने भी पक्षकार बनने के लिए जिला जज की अदालत में एक आवेदन दिया है। ज्ञानवापी में नित्य दर्शन-पूजन और हिंदुओं के अधिकार को लेकर यह याचिका दायर की गई है। याचिका पर आज सुनवाई होगी। याचिका में निर्मोही अखाड़े को पक्षकार बनाए जाने की मांग की गई है।

वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने की पक्षकार बनाने की मांग 
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज लार्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने रूल 1 आदेश 10 के तहत पक्षकार बनने और पोषणीयता पर सुनने का अनुरोध किया। आवेदन में कहा गया है कि आदेश 7 नियम 11 में पोषणीयता के जिस मुद्दे पर सुनवाई चल रही है, उसमें प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान को पक्षकार नहीं बनाया गया है। जो मुख्य देवता हैं और आवश्यक पक्षकार है। ऐसे में उनका पक्ष सुना जाना आवश्यक है। बता दें कि अदालत में पक्षकार बनने के लिए महंत कुलपति तिवारी समेत कई अन्य लोगों ने आवदेन दिया है। 
 

अदालत में सख्त सुरक्षा-व्यवस्था
ज्ञानवापी मामले में जिला जज की अदालत के अलावा फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी सुनवाई होने हो लेकर अदालत परिसर में सुबह से ही काफी गहमागहमी है। पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती अदालत परिसर में की गई है। पुलिस अधिकारियों ने भी चक्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था परखी है। 

मसाजिद कमेटी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग
विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की अपील की है। उन्होंने इंतजामिया कमेटी पर वर्शिप एक्ट का उल्लंघन वा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।  इससे पहले उन्होंने चौक थाने में प्रार्थना पत्र भेजा था। चौक थाने में मुकदमा न होने के बाद उन्होंने आज कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

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