किसान आंदोलन पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र की खोली पोल - मानवी मीडिया

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Tuesday, March 22, 2022

किसान आंदोलन पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र की खोली पोल


भोपालगढ़ (मानवी मीडियाउपखंड क्षेत्र के खारिया खंगार गांव में सोमवार को सरपंच प्रमिला चौधरी के सौजन्य से 'सामाजिक उत्थान एवं प्रतिभा सम्मान समारोह-2022' का आयोजन हुआ. इस आयोजन में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया. सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने के बावजूद भी केंद्र सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर कोसने से नही चुके. 

राज्यपाल मलिक का दस दिनों में मारवाड़ राजस्थान में आज दूसरा कार्यक्रम था. राज्यपाल मलिक ने तो यहां तक कह दिया कि मेरा राज्यपाल पद का समय पूरा होने को हे पद से हटने के बाद भी में आपके बीच आऊंगा. अब किसानों के लिए संघर्ष का विगुल भी बजाने की जरूरत भी पड़ सकती है. इस दौरान राज्यपाल मलिक ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करने के साथ ही किसान को हमेशा संगठित होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने का भी संदेश दिया. वहीं, गत वर्ष हुए किसान आंदोलन में केंद्र सरकार के रवैये को भी गलत ठहराया.

इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के समय उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर यह साफ कहा था कि आंदोलन कर रहे किसान बिना कुछ लिए यहां से हटने वाले नहीं हैं. इनकी मांगों के संबंध में कुछ ले-देकर ही इन्हें शांत किया जा सकता है. लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी और आखिरकार जब किसानों ने सरकार के मंत्रियों को गांवों से भगाना शुरू किया और केंद्र सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी को तो तीन कोस पैदल तक दौड़ाया. जिसके बाद सरकार बैकफुट पर आई तथा किसानों की बात माननी पड़ी.

हालांकि, किसानों का यह आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है और सरकार को जल्दी से जल्दी किसानों के लिए एमएसपी का कानून लागू करना चाहिए. इस मौके पर राज्यपाल मलिक ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि जब एक लड़का पढ़ता है, तो केवल वही शिक्षित होता है. लेकिन यदि एक लड़की पढ़ती है, तो पूरा परिवार शिक्षित होता है और इसका फायदा उसके पीहर व ससुराल के दो घरों को मिलता है. इसलिए बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. 

उन्होंने देश-विदेश की कई नामचीन बेटियों का जिक्र करते हुए उपस्थित लोगों से अपनी बेटियों को भी पढ़ा-लिखाकर उनके जैसा बनाने का संदेश दिया. साथ ही, उपस्थित किसानों से भी संगठित होकर अपने हक के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया. समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने भी उपस्थित जनसमूह से समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने, बेटियों को पढ़ाने, माता-पिता एवं गोसेवा करने की अपील की. कार्यक्रम को देवरीधाम के पीठाधीश्वर महंत रमैयादास साहेब, पूर्व मंत्री मदन कौर, समाजसेवी दौलतराम गोदारा, खारिया खंगार सरपंच प्रमिला चौधरी व नवचयनित आरएएस पूनम चोयल ने भी संबोधित किया और पीपाड़ प्रधान सोनिया चौधरी ने राज्यपाल मलिक के साथ ही सभी अतिथियों एवं ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया.

प्रतिभाओं का किया सम्मान
खारिया खंगार ग्राम पंचायत के राजश्री नगर स्थित मीरां कुंज प्रांगण में आयोजित 'सामाजिक उत्थान व प्रतिभा सम्मान समारोह' में भोपालगढ़ क्षेत्र की न्यायिक व प्रशासनिक सेवाओं में चयनित अधिकारियों के साथ ही खेल व अन्य क्षेत्रों की विविध प्रतिभाओं का मुख्य अतिथि राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा सम्मान किया गया. साथ ही ग्राम पंचायत क्षेत्र की 10 जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सिलाई मशीनें एवं पीपाड़-भोपालगढ़ क्षेत्र के 7 पुस्तकालयों के लिए 200-200 पुस्तकें भी भेंट की गई.

ड्रेनेज सिस्टम का किया शिलान्यास
समारोह के दौरान मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक व पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ एवं अन्य अतिथियों ने जहां समारोह स्थल के पास हीस्थित नवजीवन गौशाला में नवनिर्मित गाय की प्रतिमा का लोकार्पण किया. साथ ही, खारिया खंगार ग्राम पंचायत में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए बरसात एवं नालियों के पानी की समुचित निकासी के लिए किए जाने वाले ड्रेनेज सिस्टम का भी शिलान्यास किया गया.

यह भी रहे मौजूद
खारिया खंगार में देवरीधाम के पीठाधीश महंत रमैयादास साहेब के सानिध्य में आयोजित 'सामाजिक उत्थान एवं प्रतिभा सम्मान समारोह' में समाजसेवी धर्माराम सबरवाल, पूर्व जिला प्रमुख मुन्नीदेवी गोदारा पूर्व उप जिला प्रमुख हीरालाल मुंडेल, भोपालगढ़ प्रधान शांति राजेश जाखड़, जिला परिषद सदस्य दिव्या चौधरी शामिल हुए. साथ ही, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजेश जाखड़, तेजा हॉस्टल के वार्डन अशोक चौधरी व युवा नेता रामजीवण जाखड़ समेत भोपालगढ़ व पीपाड़ पंचायत समिति क्षेत्र के कई जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य, सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण व महिलाएं भी मौजूद थीं.

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