नयी दिल्ली (मानवी मीडिया): सहारा इंडिया परिवार के कर्मचारियों और निवेशकों ने कंपनी के धन पर रोक की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना-प्रर्दशन किया। उनके हाथ में तख्तियां थीं और वे सेबी-सहारा विवाद में सहारा समूह के धन पर रोक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस विवाद में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद सहारा समूह पर लगी पाबंदियों से उनकी आजीविका और आय प्रभावित हो रही है।
उन्होंने एक बयान में कहा गया है कि सेबी-सहारा विवाद में सहारा समूह पर लगी पाबंदी से ‘हमारी आमदनी पर बड़ा प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह असर इस तरह भी बढ़ा है कि हमारे निवेशक हमें नया कारोबार नहीं दे रहे हैं और उनके पुराने निवेश पर भुगतान में विलम्ब हो रहा है। इससे हमारी आय गिर कर न के बराबर रह गयी है। ’
बयान में कहा गया है,“ इसका परिणाम है कि हमारे लाखों कार्यकर्ता इस समय भुखमरी और बेरोजगारी की कगार पर हैं पहुंच गए हैं। ” प्रदर्शनकारियों ने बयान में कहा है कि सेबी द्वारा विगत आठ वर्ष में लगभग 150 स्थानीय और राष्ट्रीय अखबारों में चार बार विज्ञापन देकर भी ब्याज सहित मात्र 16,633 आवेदनों पर 125 करोड़ रुपये का भुगतान कराया जा सका है। उनका कहना है कि यह तथ्य सेबी ने खुद इस वर्ष के शुरू में उच्च न्यायायलय में प्रस्तुत किया था।
बयान में अपील की गयी है कि सहारा समूह पर न्यायालय की रोक हटा ली जाए और उसके द्वारा सेबी-सहारा खाते में जमा ब्याज सहित 24,000 करोड़ रुपये की राशि के समूह को वापस मिल जाए तो सहारा के निवेशकों और जमाकर्ताओं को उनका नियमित भुगतान होने लगेगा।