लखनऊ (मानवी मीडिया)- केन्द्र सरकार द्वारा बैंकों का निजीकरण करने के प्रयासों के विरूद्व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने 16 और 17 दिसंबर को देश व्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों ने मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक, हजरतगंज शाखा के सामने सभा एवं प्रदर्शन किया। फोरम ने 16 व 17 दिस. को देशव्यापी बैंक हड़ताल का आवाह्न किया है।
प्रदर्शन में आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (ऑयबाक) के प्रदेश महामंत्री सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक निजीकरण से बैंक जमा की सुरक्षा कमजोर होगी, जमाकर्ता की कुल बचत जो पिछले मार्च तक 87.6 लाख करोड़ रूपये , का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा 60.7 लाख करोड़ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के पास है, जो कि अपनी जमा के लिए सरकारी बैंकों को प्राथमिकता देते हैं। एनसीबीई के महामंत्री अखिलेश मोहन ने कहा “ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ऋण, छोटे और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को दिये जाने वाले ऋणों सहसा व्यापक रूकावट आयेंगी। इसके साथ ही बैंककर्मियों की संख्या घटेगी जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और देश की आर्थिक सुदृढ़ता पर व्यापक प्रभाव पडे़गा।” आयबाक के उपाध्यक्ष पवन कुमार ने कहा “ बैंकों का निजीकरण सरकार के ‘‘रणनीतिक विनिवेश’’ का हिस्सा है, जिसके तहत आर्थिक उदारीकरण के नाम पर लगभग 5.30 लाख करोड़ का हिस्सा सरकार बेच चुकी है।” यूपीबीईयू के प्रदेश उपाध्यक्ष, दीप बाजपेई ने कहा “ सरकार जनता की गाढ़ी कमाई, पूॅजीपतियों के हितों के लिये, बैंको का निजीकरण करके उन्हें सौंपना चाह रही है। यह जनता के साथ धोखाधड़ी है। बैंककर्मी इसे सफल नहीं होने देंगे।”