मां अन्नपूर्णा पुनर्स्थापना यात्रा रथयात्रा के लखनऊ आगमन पर अन्नपूर्णा मां की प्रतिमा के दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से इंतजार कर रहे हैं लोग मां की एक झलक पाने के लिए सड़कों पर निकल आए। मां की एक झलक पाने के लिए लोग बेताब हो रहे थे। मुख्य मार्ग की सड़कें भीड़ की वजह से छोटी पड़ गई। शनिवार सुबह 12 बजे से ही लोग मां अन्नपूर्णा की यात्रा के आगमन की प्रतीक्षा करने लगे थे।
भाजपा लखनऊ महानगर इकाई व अनेकों सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों ने मां अन्नपूर्णा के भव्य स्वागत के लिए पंडाल व मंच व्यवस्था के साथ कीर्तन-भजन भी किया गया।
मंत्री बृजेश पाठक यात्रा के साथ कानपुर से ही सम्मिलित हो गए थे।
सरोजनी नगर विधानसभा में मंत्री स्वाति सिंह व वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुगणो द्वारा गौरी बाजार व उसके बाद चुंगी में स्वागत किया जाएगा। उसके आगे कैंट विधानसभा में कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन, संत निरंकारी भवन, आलमबाग चौराहा, मवैया चौराहा पर क्षेत्रीय विधायक सुरेश चंद्र तिवारी, महापौर संयुक्ता भाटिया स्वागत के उपरांत रथ यात्रा के साथ ही रहे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय के समीप प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल , लखनऊ प्रभारी प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला और विधायक डॉक्टर नीरज बोरा ने ढोल और बाजे गाजे भारी पुष्प वर्षा के साथ भरपूर स्वागत किया।
हजरतगंज हनुमान मंदिर के निकट नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा की उपस्थिति में घंटे घड़ियाल, ढोल व शंखनाद के साथ भरपूर स्वागत किया गया। पंडितों द्वारा विधि विधान से मंत्रोचार के साथ पूजन अर्चन व आरती की गई और उपस्थित सभी श्रद्धालु जनों ने व्यवस्थित रूप में दर्शन किए और माता पर फूलों की माला व पुष्प अर्पित किए। रथयात्रा के आगमन पर पंडितों द्वारा शंखनाद के साथ स्वागत किया। सभी में प्रसाद वितरण भी किया गया। ्
मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान मंत्री बृजेश पाठक स्वयं प्रसाद वितरण करते नजर आए। कैंट विधानसभा से आगे विधायक सुरेश चंद तिवारी व महापौर संयुक्ता भाटिया भी रथ पर सवार श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण करती नजर आई।हनुमान मंदिर के उपरांत रथ यात्रा राजीव चौक, 1090 चौराहा, समता मूलक चौराहा व लोहिया चौराहा होते हुए पॉलिटेक्निक चौराहा पहुंची जहां मंत्री आशुतोष टंडन पुनः यात्रा के स्वागत के लिए मौजूद रहें। इसके उपरांत कामता चौराहा, चिनहट के रास्ते बाराबंकी होते हुए अयोध्या की ओर प्रस्थान किया।