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Wednesday, October 6, 2021

विश्वविद्यालय अपने फीडबैक सिस्टम को मजबूत करें :: आनंदीबेन पटेल


लखनऊ:( मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में नैक मूल्यांकन हेतु सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ का प्रस्तुतीकरण देखा और निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन हेतु निर्धारित सभी मापदण्डों के अनुसार तैयारी कर सभी कमियों को समय से दूर करें। राज्यपाल  ने कहा कि विश्वविद्यालय ग्रामीण कृषि एवं औद्योगिक विषयों को प्राथमिकता के साथ शामिल करें ताकि रोजगार सृजन को बल मिल सके।

कुलाधिपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन सात श्रेणियों में होता है। अतः विश्वविद्यालय सभी श्रेणियों में निरन्तर सुधार करते हुए अपनी बेहतर तैयारी अगले प्रस्तुतीकरण के लिये करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत नवीनतम पाठ्यक्रम शामिल करते हुए प्रवेश क्षमता को बढ़ायें, पुराने पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करते रहें तथा च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम को लागू करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से फीड बैक लेने के साथ-साथ फील्ड प्रौजेक्ट तथा अनुसंधान कार्य को बढ़ावा दंे तथा अनुसंधान कार्यों को कृषकों तक पहुंचायें। राज्यपाल जी ने धीमी गति से कार्य किये जाने पर असंतोष व्यक्त किया तथा नैक मूल्यांकन सुधार हेतु अनेक सुझाव दिये।

राज्यपाल  ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिये ऑनलाइन व्यवस्था करें, इससे पारदर्शिता के साथ-साथ पुराने डेटा को समृद्ध करने, विद्यार्थियों को प्रशासनिक कार्य से जोड़ने तथा नवाचार बढ़ाने को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय निर्धारित सभी सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश दें। प्रवेश की सीटे रिक्त नही रहनी चाहिये ऐसा होने से बच्चों का कैरियर प्रभावित होता है तथा विश्वविद्यालय को आर्थिक हानि होती है। राज्यपाल जी ने सुझाव दिया कि कृषि शिक्षा प्राप्त कराने के बाद कितने विद्यार्थी कृषि कार्य करते है इसका फीडबैक भी लिया जाना चाहिये। राज्यपाल जी ने कृषि विज्ञान केन्द्र में शोध कार्यों की धीमी गति पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केवल प्रमाण पत्र देना ही काफी नहीं है, रचनात्मक कार्यों के माध्यम से विश्वविद्यालय को आगे बढ़ायें इससे विश्वविद्यालय की आये बढ़ने के साथ-साथ स्थानीय किसानों को लाभ होगा।

प्रस्तुतीकरण के दौरान कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की सहभागिता बढायें तथा कृषि शोध विषयों को व्यवहारिक बनाने हेतु किसानों की सहभागिता को बढ़ायंे। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र प्रसार शाखा अपने क्षेत्र के प्रगतिशील कृषकों को जोड़े उनकी समस्याओं को जाने तथा गोष्ठियों के माध्यम से उनका समाधान कराये। इसमंे महिला तथा गरीब किसानों को प्राथमिकता से शामिल करें। राज्यपाल जी ने कुलपति को निर्देश दिया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों में तैनात कृषि वैज्ञानिक तथा विषय विशेषज्ञ अनिवार्य रूप से तैनाती स्थल पर रहकर कार्य सम्पादित करें। उन्होंने कहा कि उघमिता से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा दें तथा विभिन्न विश्वविद्यालय तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों से एम.ओ.यू. करें ताकि छात्रों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिल सके और ये सभी कार्य अच्छी सोच व संसाधन तैयार कर किये जा सकते है।

इस अवसर पर राज्यपाल अपर मुख्य सचिव  महेश कुमार गुप्ता, डा0 पंकज एल0 जॉनी, विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 आर. के. मित्तल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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