नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देश में जबरदस्त आर्थिक संकट पैदा हो गया है और इससे निकलने के लिए नए आर्थिक दृष्टिकोण की सख्त जरूरत है। राहुल गांधी ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश इस समय गंभीर आर्थिक संकट में फंस गया है। वित्तमंत्री इन हालातों को नहीं समझ रही हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद सामने आकर विशेषज्ञों से बात कर देश को इस संकट से बाहर निकालने का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो आर्थिक हालत पैदा हो गए हैं उससे बाहर निकलने के लिए नए दृष्टिकोण की जरूरत है। मोदी के नोटबंदी और मेड इन इंडिया जैसे आइडिया असफल हो गए है इसलिए उन्हें कांग्रेस के अनुभव का फायदा लेते हुए देश को आर्थिक संकट से निकालने का काम करना चाहिए। गांधी ने कहा कि इस समय देश में सिर्फ आर्थिक संकट नहीं है बल्कि नेतृत्व का संकट भी पैदा हो गया हैं। प्रधानमंत्री हालात को देखकर घबरा गए है इसलिए वह हर मुद्दे पर चुप्पी साध लेते हैं लेकिन चुप्पी समस्या का समाधान नहीं है। उनका कहना था कि चीन भी हमारे इस हालत को समझता है इसलिए वह फायदा उठाने का प्रयास कर रहा है। दरअसल राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी जी कहते हैं जीडीपी बढ़ रही है। वित्त मंत्री कहती हैं जीडीपी का प्रोजेक्शन ऊपर की ओर है। जीडीपी का मतलब क्या? गैस, डीजल और पेट्रोल- जिसकी कीमत लगातार बढ़ रही है।'
उधर, राहुल गांधी के आरोप पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर 'सीएनपी' का आरोप लगाया। पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने भ्रमित करने के लिए जीडीपी की परिभाषा को अपभृंशित करके देश के सामने प्रस्तुत किया। जहां तक कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का सवाल है, सीएनपी वाले अर्थात् करप्शन, नेपोटिज्म और पॉलिसी पैरालिसिस वाले जीडीपी के सही अर्थ को कभी नहीं समझ सकते। पात्रा ने कहा कि जब से डीमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) हुआ है राहुल गांधी सदैव ही परेशान नजर आए हैं। आज भी नोटबंदी को लेकर राहुल गांधी परेशान ही थे। स्वाभाविक है, गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी ने डीमोनेटाइजेशन में बहुत रुपये खोए होंगे।