झांसी (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश में वीरांगना नगरी झांसी आयी केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को राम या राममंदिर पर किसी तरह का सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है जो राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठाते हैं।
केंद्रीय मंत्री यहा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लेने आयी थीं। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में साध्वी ने बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर में आये पैसे व चंदे को लेकर बसपा बार-बार सवाल उठा रही है। मुझे लग रहा है इस पर तो बसपा को सवाल करने का अधिकार ही नहीं है। बसपा के लोग ही कहते थे कि कहां राम जन्मे हैं। वह तो राम को मानते हीं नहीं है। वह तो राम को मानने वालों को साम्प्रादियक कहते थे। राम को मानने वालों को मनुवादी कहते थे। राम पर प्रश्न उठाने का अधिकार उनका नही है। भारतीय जनता पार्टी या संघ या फिर विश्व हिंदू परिषद ने मेहनत की है। यह चंदा नहीं है यह समपर्ण निधि दी है, अपनी स्वेच्छा से दी है। मायावती की तरह नहीं कि तुम्हे इतना देना ही पड़ेगा। हम लोग वह नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कभी भी किसी पर गलत दबाब डालकर पैसा नहीं लेती है। राम मंदिर के लिए लोगों ने स्वेच्छा से समर्पण निधि दी है। इनको पूछने का कोई भी अधिकार नहीं है
योगी शासन में ब्राहमण समाज के हो रहे उत्पीड़न को लेकर बसपा द्वारा उठाये जा रहे सवालों के संबंध में जब पत्रकारों ने साध्वी से पूछा तो उन्होंने कहा कि बीएसपी को यह कहना शोभा नहीं देता है। बीएसपी यदि अपना कार्यकाल उठाकर देखेगी तो एक ब्राह्मण ही नहीं हर समाज के व्यक्ति का जिस तरह से उत्पीड़न हुआ , यह किसी से छिपा नहीं है। उनके पास एक हथियार था उनके पास, एक्ट था, जिसके तहत न जाने कितने लोग पीड़ित हुए थे।
साध्वी ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि आज चुनाव के समय मायावती, सतीश मिश्रा को अकेले मोहरा बनाकर समाज को तोड़ने का काम कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी समाज को जोड़ने का काम करती है। समाज जुड़ेगा, देश विकसित होगा, प्रदेश विकसित होगा। कोरोना के समय पर ये सारे दल गायब हो गए थे, कोई भी सड़क पर नहीं दिख रहा था। जनता का क्या हाल हो रहा होगा कोरोना के समय में यह जानने के लिए इनमें से कोई नहीं था। यदि सड़क पर कोई था तो वह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता, सड़क पर था, लड़ाई लड रहा था। बड़ा दुर्भाग्य है इस देश का कि जब जनता के ऊपर महामारी आती है, तब यह सारे के सारे दल गायब हो जाते हैं। सपा हो, बसपा हो और कांग्रेस हो। आज जब उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं तो सारे दल इकट्ठा होकर निकल आए हैं।आइये, मैदान में , हमने काम किया है।
उन्होंने कहा कि कोविड के समय पर, प्रधानमत्री की मैं अभारी हूं कि उन्होंने बड़े प्रभावी ढंग से इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश को कंट्रोल किया ठीक उसी तरहय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश को नियंत्रित किया।कोविड से प्रभावित होने के बाद भी हर जिले का मॉनीटिंग कर रहे थे कि आज क्या स्थिति है। जैसे ही उनकी निगेटिव रिपोर्ट आई तो वह पूरे प्रदेश में घूमे और कोविड सेंटरों में भी जाकर देखा। यह होता है काम करने का तरीका। अब चुनाव आया है तो प्रियंका भी दिखेंगी, राहुल गांधी भी दिखेंगे। अखिलेश भी दिखेंगे मायावती भी दिखेंगी। लेकिन जनता दिखने वालों को तो बतायेगी न।
आगामी विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी के भी अपनी ताल ठोंकने के सवाल पर ज्योति ने कहा कि जिनकी मानसिकता ही भारत से अलग हटके हो, उन्हें यूपी नहीं आना चाहिए ,बेहतर होगा कि वह हैदराबाद में ही बने रहें।