नयी दिल्ली (मानवी मीडिया): अदाणी एग्रो फ्रेश को इस इस साल पहले ही सप्ताह में हिमाचल प्रदेश के किसानों ने 5000 टन से ज्यादा सेब बेचे है| इस साल सेब तोड़ने का सीजन अगस्त के आखिरी सप्ताह से शुरू हुआ और इसके अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक चलने की संभावना है।
कंपनी के अधिकारियों ने आज बताया कि किसानों के उत्साह और सकारात्मकता का इस बात से पता चलता है कि हमारी खरीदारी शुरू होने के पहले ही दिन हिमाचल प्रदेश के किसान 1000 टन सेब लेकर उसके तीन सेंटर पर पहुंचे जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 300 टन रहा था। अदाणी एग्रो फ्रेश बक्से के बदले वजन के हिसाब से सेब खरीदता है जो पारम्परिक मंडियों से किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
हिमाचल प्रदेश के ये सेब 'फार्म पिक' ब्रांड के तहत अदाणी एग्रो फ्रेश द्वारा देश में बेचे जाते हैं और अपनी उच्च गुणवत्ता और मूल्य के लिए जाने भी जाते हैं| किसानो से खरीदी के बाद इन सेबों को 'कंट्रोल्ड अट्मॉस्फेयर फैसिलिटी' में सुरक्षित रखा जाता है, जहाँ वो काफी लम्बे समय तक ताज़ा और सुरक्षित रहते हैं|
किसानो द्वारा दिखाए गए उत्साह ने पिछले कुछ दिनों में फैले अफवाह को भी खारिज कर दिया जिसमें ये कहा गया था कि स्थानीय मंडी में किसानों को अदाणी एग्रो फ्रेश से ज्यादा दाम मिल रहे है| अदाणी एग्रो फ्रेश के अधिकारी का कहना है कि कंपनी से मिल रहे बहेतर मूल्य के चलते मंडी के व्यापारियों और एजेंटो ने अब अपनी खरीदी ज्यादा दाम पर करनी पड़ रही है|
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि सेब के दाम का निर्धारण किसानो के हितों को ध्यान में रख कर किया जाता है और पारम्परिक रूप से सेब के पैदावार और ग्राहकों तक पहुंचने में कई तरह के बिचौलिए और कमीशन एजेंट भी शामिल होते थे, जिसकी वजह से किसानो को उनको उपयुक्त कीमत नहीं मिलती थी| अदाणी एग्रो फ्रेश के आने के बाद करीब 15 साल से किसान सीधे कंपनी को अपनी फसल बेचते हैं और उन्हें मुनाफा ज्यादा होता है|
कंपनी के हाई-टेक फैसिलिटी में पैकिंग और सप्लाई नेटवर्क के बाद हिमाचल प्रदेश के ये सेब अब देश भर में काफी लोकप्रिय हो गए हैं| उल्लेखनीय है कि अदाणी एग्रो फ्रेश किसानो को उच्च गुणवत्ता वाले सेब उगाने के लिए कई तरह की सहायता भी प्रदान करता है और समय समय पर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानकों तथा मापदंडो के बारे में जागरूक करता रहता है|