नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की माैैत हो चुकी है उन बच्चों को मिलने वाले मासिक वजीफे को 2,000 से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया जा सकता है। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर रही है और इस बारे में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत, भारत सरकार ऐसे सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करेगी और 23 साल की उम्र में उनके खाते में 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जमा की जाएगी। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कोविड अनाथ बच्चों के 3250 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 380 अनुरोधों को स्थानीय प्रशासन ने खारिज कर दिया है। हालांकि, अब तक 667 ऐसे अनुरोध स्वीकार किए जा चुके हैं।अधिकारी ने बताया कि मासिक वजीफे को दो हजार से चार हजार रुपये करने का प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने किया है। सरकार ने मई में एलान किया था कि कोरोना के चलते जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावक को खो दिया है, उन्हें 'पीएम-केयर्स फार चिल्ड्रेन' योजना के तहत मदद दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की व्यापक देखभाल करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी सेहत का ख्याल रखना, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और उनकी 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक वित्तीय सहायता के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार करना है।
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Tuesday, September 14, 2021
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मोदी सरकार की तैयारी कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को मिल सकते हैं 4000 रुपए बताैर वजीफा
मोदी सरकार की तैयारी कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को मिल सकते हैं 4000 रुपए बताैर वजीफा
नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की माैैत हो चुकी है उन बच्चों को मिलने वाले मासिक वजीफे को 2,000 से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया जा सकता है। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर रही है और इस बारे में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत, भारत सरकार ऐसे सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करेगी और 23 साल की उम्र में उनके खाते में 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जमा की जाएगी। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कोविड अनाथ बच्चों के 3250 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 380 अनुरोधों को स्थानीय प्रशासन ने खारिज कर दिया है। हालांकि, अब तक 667 ऐसे अनुरोध स्वीकार किए जा चुके हैं।अधिकारी ने बताया कि मासिक वजीफे को दो हजार से चार हजार रुपये करने का प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने किया है। सरकार ने मई में एलान किया था कि कोरोना के चलते जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावक को खो दिया है, उन्हें 'पीएम-केयर्स फार चिल्ड्रेन' योजना के तहत मदद दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की व्यापक देखभाल करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी सेहत का ख्याल रखना, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और उनकी 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक वित्तीय सहायता के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार करना है।
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