उ0प्र0:: अपने प्रतिद्वंद्वियों को फंसाने के लिए बेटी की हत्या की - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, September 26, 2021

उ0प्र0:: अपने प्रतिद्वंद्वियों को फंसाने के लिए बेटी की हत्या की


झांसी (मानवी मीडिया) सी के एक शख्स ने प्रतिद्वंद्वियों को फंसाने के लिए अपनी ही नाबालिग बेटी की हत्या करने की बात कबूल की है। बबलू प्रजापति नाम के शख्स को अपनी बेटी की हत्या के कुछ घंटे बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार झांसी के मौरानीपुर थाना क्षेत्र के धौरा गांव में शुक्रवार को 13 वर्षीय माया की हत्या कर दी गई थी। उसके पिता, बबलू प्रजापति ने दावा किया था कि नौ लोगों (दो महिलाओं सहित), जिनमें से सात ज्ञात थे, ने मिलकर अपराध किया था।

बबलू ने पुलिस को बताया था कि आरोपी ने उसकी कुल्हाड़ी छीन ली और उस पर हमला किया था। उसने कहा कि वह अपनी जान बचाने के लिए भागा और भागने में सफल रहा, लेकिन उसकी बेटी माया की हत्या कर दी गई। सभी नौ आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307 और 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शिवहरि मीणा ने कहा कि घटना के प्रकाश में आने के बाद डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम के साथ भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा था।

एसएसपी ने कहा कि हमें शुरू से ही कुछ गड़बड़ लग रही थी। विस्तृत जांच के बाद, हमें कई तथ्य मिले, जो बबलू द्वारा सुनाई गई कहानी की पुष्टि नहीं कर रहे थे। बाद में, फोरेंसिक तथ्यों के आधार पर निरंतर पूछताछ के बाद, बबलू ने आत्मसमर्पण कर दिया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने कबूल किया कि उसने अपनी पूर्व प्रेमिका और उसके भाई को फंसाने के लिए शुक्रवार को धौरा गांव में नदी के पास अपनी बेटी की हत्या कर दी थी। उसने अपनी प्रेमी के साथ संबंध तोड़ने के बाद ऐसा किया। उसका महिला के साथ एक दशक से अधिक समय से अफेयर था।

पिछले महीने महिला ने रिश्ते को तोड़ दिया था। इसके अलावा, बबलू ने उसके भाई को 30,000 रुपये उधार दिए थे, जो उसने वापस नहीं किए थे। इसके बाद, बबलू ने अपनी बेटी को खत्म करने और प्रतिद्वंद्वी पार्टी को फंसाने की योजना बनाई।

एसएसपी ने कहा कि हमने अपराध की स्वीकृति और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों के आधार पर बबलू को उसकी बेटी की हत्या के लिए गिरफ्तार किया है। हमने प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 376 (3), 201 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 3/4 (2) को भी जोड़ा है।

Post Top Ad