उ0प्र0 मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय - मानवी मीडिया

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Wednesday, September 15, 2021

उ0प्र0 मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय


लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कृषकों को उनकी उपज का उचित एवं

लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से धान क्रय नीति निर्धारित

मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रु0 प्रति

कुन्तल तथा ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रु0 प्रति कुन्तल निर्धारित

सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के 

पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से धान क्रय के 72 घण्टे के अन्दर किया जाएगा

मंत्रिपरिषद ने मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कृषकों को उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से धान क्रय नीति निर्धारित कर दी है।

भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक तथा लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर, 2021 से 28 फरवरी, 2022 तक होगी।

धान विक्रय से पूर्व कृषक पंजीयन तथा समस्त क्रय एजेन्सियों पर ऑनलाइन धान क्रय की प्रक्रिया अनिवार्य की गई। किसानों से धान खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटोयुक्त पहचान प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी।

सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से धान क्रय के 72 घण्टे के अन्दर किया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान क्रय हेतु निर्धारित क्रय अवधि में कृषकों द्वारा क्रय केन्द्रों पर बिक्री हेतु लाए गए निर्धारित गुणवत्ता के धान का क्रय किया जाएगा, परन्तु क्रय हेतु बोरों एवं कृषकों के भुगतान हेतु वित्तीय व्यवस्था के प्रबन्ध के दृष्टिगत सम्भावित क्रय लक्ष्य 70 लाख मी0टन निर्धारित किया गया है।

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 4,000 क्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी0सी0एफ0) के 1500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी0सी0यू0) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 200, उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ (यू0पी0एस0एस0) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय केन्द्र सम्मिलित हैं।

सामान्यतः क्रय केन्द्र प्रातः 9ः00 बजे से सायं 5ः00 बजे तक खुले रखे जाएंगे, किन्तु जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में आवश्यक परिवर्तन करने हेतु अधिकृत होंगे। कृषकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर, शेष कार्य दिवसों में धान क्रय केन्द्र खुले रहेंगे।

ग्राम पंचायत में स्थित पंचायत भवन/सार्वजनिक स्थल जैसे-साधन सहकारी समिति के भवन, कृषि विपणन केन्द्र, बीज व खाद विक्रय केन्द्र आदि पर समीपस्थ क्रय केन्द्र का नाम व पता, क्रय केन्द्र प्रभारी का नाम, मोबाइल नम्बर, केन्द्र के खुलने व बन्द होने का समय, न्यूनतम समर्थन मूल्य की वॉल पेण्टिंग अनिवार्य रूप से करायी जाएगी। इस सम्बन्ध में निदेशक, पंचायतीराज के स्तर से सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश निर्गत किए जाएंगे।

क्रय केन्द्रों की रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेण्टर के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी। जनपद में स्थापित सभी एजेन्सियों के क्रय केन्द्रों का नाम व पता, केन्द्र की लोकेशन, केन्द्र प्रभारी का नाम व मोबाइल नम्बर इत्यादि विवरण जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी सूचना एस0एम0एस0 के माध्यम से कृषकों को पंजीकरण के समय ही उपलब्ध करायी जाएगी।

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइण्ट ऑफ परचेज मशीन के माध्यम से किसानों के बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केन्द्रों पर धान की खरीद की जाएगी। इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश आयुक्त, खाद्य एवं रसद द्वारा अलग से निर्गत किए जाएंगे।

जनपद में धान क्रय हेतु जिलाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। उनके निर्देशन तथा पर्यवेक्षण में धान क्रय कराया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा जनपद के किसी वरिष्ठ अधिकारी को, जो कम से कम अपर जिलाधिकारी स्तर के हों, जिला खरीद अधिकारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी को अपर जिला खरीद अधिकारी नामित किया जाएगा।

यदि चावल मिलर को दिए गए धान के सापेक्ष 45 दिनों के अन्दर मिलर द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल सम्प्रदान कर देता है, तो उसे प्रोत्साहन राशि की दर अरवा चावल तथा सेला चावल के लिए 20 रुपए प्रति कुन्तल मिलिंग किए गए धान पर देय होगा। प्रोत्साहन धनराशि की प्रतिपूर्ति केवल उन्हीं चावल मिलों को देय होगी, जिनका सम्बद्धीकरण जिलाधिकारी/सम्भागीय खाद्य नियंत्रक/आयुक्त, खाद्य एवं रसद द्वारा क्रमशः जनपद की, मण्डल की व मण्डल के बाहर की चावल मिल होने की स्थिति में किया जाएगा। 45 दिन में चावल का सम्प्रदान न होने पर 01 रुपए प्रति कुन्तल की दर से होल्डिंग प्रभार देय होगा।

 प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी0पी0पी0)

के आधार पर मेडिकल कॉलेजों के विकास की योजना हेतु निजी क्षेत्र

की इकाई को वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता का प्रस्ताव स्वीकृत

इन 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) के आधार पर मेडिकल कॉलेजों के विकास की योजना हेतु निजी क्षेत्र की इकाई को वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रकार इन 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ज्ञातव्य है कि जनपद बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, सम्भल, संतकबीरनगर, शामली एवं श्रावस्ती में शासकीय एवं निजी क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं है। इन असेवित जनपदों में पी0पी0पी0 के आधार पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने का निर्णय लिया गया है।

नीति आयोग द्वारा Model Concession Agreement for Setting up Medical Colleges under the Public Private Partnership निर्गत किया गया है। नीति आयोग द्वारा समस्त स्टेक होल्डर्स से कन्सलटेशन करते हुए एक गाइडलाइन प्रख्यापित की जानी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित केन्द्रीय बजट में लागू होने वाली योजना के दृष्टिगत राज्य सरकार के बजट में वायबिलिटी गैप फण्डिंग (वी0जी0एफ0) का प्राविधान किया गया है। गाइडलाइंस में विभिन्न प्रकार के राजकोषीय (Fiscal) तथा गैर राजकोषीय (Non Fiscal) प्रोत्साहन के साथ-साथ वायबिलिटी गैप फण्डिंग भी उपलब्ध कराया जाएगा। गाइडलाइंस के प्रख्यापन हेतु राज्य सरकार की ओर से दिनांक 14 फरवरी, 2020 को सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को पत्र प्रेषित किया गया है। निजी क्षेत्र की संस्थाएं इस नीति में प्रस्तावित 03 मोड्स में से किसी एक के अन्तर्गत अपना प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती है। निर्णय लेते समय सरकार निम्नलिखित प्राथमिकता रखेगी-मोड-ए, मोड-बी, मोड-सी।

-- जनपद मऊ में ए0टी0एस0 के अधिकारी, स्टाफ कार्यालय एवं

फील्ड इकाई की स्थापना हेतु भवन तथा ए0टी0एस0

कमाण्डो के बैरक हेतु भूमि आवंटन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जनपद मऊ की तहसील सदर के अन्तर्गत ग्राम परदहां में स्थित गाटा संख्या 2281 मि0 रकबा-0.2690 हेक्टेयर व गाटा संख्या 2282 मि0 रकबा-0.0323 हेक्टेयर कुल 0.3013 हेक्टेयर अर्थात कुल 3013 वर्ग मीटर भूमि, जनपद मऊ में ए0टी0एस0 के अधिकारियों, स्टाफ कार्यालय एवं फील्ड इकाई की स्थापना हेतु भवन तथा ए0टी0एस0 कमाण्डो के बैरक हेतु आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

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