श्रीनगर (मानवी मीडिया): जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बकरीद को लेकर जानवरों की कुर्बानी रोकने के लिए बड़ा फैसला किया है। राज्य के पशु/भेड़पालन और मत्स्य पालन विभाग ने ईद के मौके परे गायों, बछड़ों, ऊंटों की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश किया है। इस मामले में विभाग ने जम्मू-कश्मीर के संभागीय आयुक्त और आईजीपी को एक पत्र लिखा है। बता दें, दिल्ली समेत देश भर में ईद उल अज़हा का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इस खास मौके पर मुसलमानों के लिए भेड़, गाय और ऊंट की कुर्बानी देना एक महत्वपूर्ण रस्म है।
बकरीद पर बड़े पैमाने पर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इसी की संभावनाओं को देखते हुए भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय व भारत सरकार के पशु कल्याण बोर्ड की ओर से राज्य को अवैध रूप से जानवरों की कुर्बानी को रोकने के संबंध में एक पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया है कि बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में बड़ी संख्या में कुर्बानी के लिए जानवरों की हत्या किए जाने की संभावना है। इसे देखते हुए पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया ने सभी एहतियाती उपायों को लागू करने का अनुरोध किया है।
पत्र में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960, पशु परिवहन कल्याण नियम-1978, पशु परिवहन (संशोधित) नियम-2001, स्लॉटर हाउस नियम-2001 (जिसके तहत ऊंटों की कुर्बानी नहीं दी जा सकती) का कड़ाई से पालन करने का निर्देश म्युनिसिपल लॉ एंड फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दिया है। कुछ स्थानों पर गायों का भी वध किया जाता है। डोगरा शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नियम के उल्लंघन ने कड़ी सजा दी जाएगी।