श्रीनगर (मानवी मीडिया): दो सिख युवतियों के धर्म परिवर्तन का मामला जहां अभी ठंडा नहीं हुआ था कि एक और सिख महिला ने ससुर से जबरन निकाह की शिकायत दर्ज करवाई है। इस महिला ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि उस पर ससुर से निकाह का दबाव डालते हुए उसे वेश्यावृत्ति में धकेला जा रहा है। वहीं, एक सिख युवती ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए अपने परिवार और पुलिस कार्रवाई से सुरक्षा की गुहार लगाई। जम्मू निवासी निकिता सैनी ने एक वेबसाइट से बातचीत में बताया कि उनकी सास महमूदा नाज और पति अरफिन शाह ने उनकी काउंसलिंग की कि वे धर्म परिवर्तन के लिए नहीं कहेंगे। - कचहरी में वकील के चैंबर में हिन्दू युवती का धर्म परिवर्तन के प्रयास पर हंगामा, सेंट्रल बार की बैठक में होगा ...
आशीष कोहली से बात करते हुए निकिता ने बताया कि व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर उनका क्लासमेट होने की वजह बात होती थी, जो दोस्ती में बदल गई। बकौल निकिता, आरफीन को उनके बारे में सब कुछ पता था। बकौल निकिता, जनवरी 2021 में अचानक से उसने अपनी माँ का इलाज करवाने को कहा, जो कैंसर की मरीज थी। निकिता ने इसमें उसकी मदद की। आरफीन को पता था कि निकिता का पहले पति के साथ तलाक हो चुका है।
क्या धर्मांतरण कानून बनाने से जबरन धर्म परिवर्तन पर अंकुश लग सकेगा
निकिता ने एक वेबसाइट के साथ बातचीत में बताया, आरफीन और उसकी अम्मी ने मुझे बताया कि वो लोग विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं की मदद करते हैं। साथ ही कहा कि वो लोग एकदम खुले विचारों वाले हैं और कभी धर्म-परिवर्तन करने के लिए नहीं कहेंगे। अकेली महिला होने के कारण मुझे भी लगा कि मुझे सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत है, इसीलिए मैंने हामी भर दी। फिर सहारनपुर में मेरा इस्लामी रीति-रिवाज से निकाह हुआ।
निकिता ने बताया कि जब बताया कि खुद को लिबरल बताने वाले उन लोगों ने निकाह के समय उनका नाम नफ़ीज़ा रख दिया, जिसे देख कर वो चौंक गईं। निकिता ने बताया कि सवाल पूछने पर पति और सास ने इसे एक दस्तावेजी औपचारिकता बताया