प्राप्त जानकरी के अनुसार इस मिसाइल में अग्नि 4 और अग्नि 5 मिसाइल की खूबियों को शामिल किया गया था। डबल स्टेज अग्नि प्राइम को सड़क और लॉन्चर दोनों ही जगहों से फायर किया जा सकता है। अग्नि प्राइम मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। अग्नि प्राइम मिसाइल को 4000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकी को मिलाकर तैयार किया गया है। यह मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित है।
भारत
पिछले 3 दशकों के दौरान अग्नि रेंज की पांच मिसाइल विकसित कर चुका है।
अग्नि प्राइम इसी अग्नि रेंज की नई और आधुनिक मिसाइल है। डीआरडीओ के
अधिकारियों के मुताबिक पूर्वी तट पर पोजिशन्ड विभिन्न राडार और टेलिमेट्री
स्टेशनों से मिसाइल को मॉनिटर किया गया। यह टेक्स्टबुक ट्रैजेक्टरी रही,
जिसने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया।भारत ने पहली बार साल 1989 में
अग्नि का परीक्षण किया था। उस वक्त इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 900
किलोमीटर थी। साल 2004 में इसे सेना में शामिल किया गया था।