लखनऊ (मानवी मीडिया): धर्म परिवर्तन करने के मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने दो आरोपी उमर गौतम और जहांगीर आलम को को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर अब तक 1000 लोगों के धर्मांतरण कराने का आरोप है। उमर गौतम और जहांगीर आलम मूक बधिर, महिलाएं और बच्चों को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन कराते थे। ये पूरा रैकेट पिछले दो साल से चल रहा था। उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि मामले में विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं। जानकारी के अनुसार, पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। इनके ऊपर सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में धर्मांतरण कराने का आरोप है। एडीजी ने बताया कि पहले विपुल विजयवर्गीय और कासिफ की गिरफ्तारी हुई थी जिनसे पूछताछ में सूचना मिली कि एक बड़ा गैंग है जो प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता है। पूछताछ में उमर गौतम का नाम आया, जो बाटला हाउस जामियानगर का रहने वाला है। इन्होंने भी अपना धर्म परिवर्तन किया है।
इन्हें तीसरी बार पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया। इनके और एक साथी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। एटीएस के अफसरों को कहना है कि ये लोग गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे और अब तक एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कर चुके हैं। फिलहाल पुलिस इन दोनों मौलानाओं से ज्यादा जानकारी जुटाने में जुटी है और पता लगा रही है कि आखिर इन सबके पीछे उनका मकसद क्या था