नई दिल्ली,(मानवी मीडिया) नए वित्त वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल को देश के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक बंद थे जिस कारण कोई कामकाज नहीं हुआ। इस कारण लेनदेन के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बढ़ गया। इस दौरान NEFT, IMPS और UPI के जरिए पैसे ट्रांसफर करने में ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बार ग्राहकों का यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो गया। अगर आपका यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है और अकाउंट से कटे पैसे तय समय वापस नहीं आए, तो बैंक आपको रोजाना 100 रुपए का हर्जाना देगा।
जी हां, अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं जिनका ट्रांजैक्शन फेल हुआ है तो
आपको रिजर्व बैंक (RBI) की अक्टूबर 2019 की गाइडलाइंस के बारे में आपको
जानकारी होनी चाहिए, इससे आपकी मुश्किल हल हो सकती है। इस सर्कुलर के तहत
पैसे के ऑटो रिवर्सल को लेकर एक समयसीमा तय की गई है। अगर इस समयसीमा के
अंदर ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट या रिवर्सल नहीं हुआ तो बैंक को ग्राहकों को
मुआवजा देना होगा। सर्कुलर के मुताबिक, समयसीमा खत्म होने के बाद 100 रुपए
रोज के हिसाब से मुआवजा देना होगा।
सर्कुलर के मुताबिक, अगर UPI ट्रांजैक्शन फेल हो जाता और ग्राहक के अकाउंट
से पैसे कट जाते हैं, लेकिन बेनिफिशियरी के अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचता
है तो ऑटो-रिवर्सल ट्रांजैक्शन की तारीख से T+1 दिन में पूरा हो जाना
चाहिए। यहां पर T का मतलब ट्रांजैक्शन वाला दिन और +1 का मतलब एक दिन या 24
घंटे मान सकते हैं।
यहां कर सकते हैं शिकायत
सबसे पहले आपको सर्विस प्रोवाइडर से शिकायत करनी चाहिए। अगर आपका डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर पैसा वापस नहीं आता है तो आप यूपीआई ऐप UPI APP जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आपको पेमेंट हिस्ट्री ऑप्शन पर जाना होगा। यहां आपको रेज डिस्प्यूट पर जाना होगा। रेज डिस्प्यूट पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें। अगर आपकी शिकायत सही पाई गई तो बैंक आपका पैसा लौटा देगा। यदि शिकायत करने बावजूद बैंक से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है तो आप रिजर्व बैंक के डिजिटल ट्रांजैक्शन, 2019 के ओम्बुड्समैन स्कीम के तहत शिकायत कर सकते हैं।