भाकियू के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अब यह सिर्फ पंजाब के किसानों आंदोलन नहीं है बल्कि इसमें पूरे देश के किसान शामिल हैं, लेकिन आंदोलन की रणनीति वही होगी जो पंजाब के किसान संगठनों के नेता तय करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को तीसरे दिन जारी था। पंजाब और हरियाणा से आए प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा पर जुटे हैं और वे नये कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
किसान आंदोलन पंजाब तक सीमित नहीं, देशभर का सवाल : भाकियू -हालांकि दिल्ली के निरंकारी मैदान में कुछ संगठनों के किसान आ चुके हैं। वहीं अभी भी हजारों की संख्या में बॉर्डर पर मौजूद हैं। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ ये पूरा विरोध प्रदर्शन चल रहा है। शुक्रवार को टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ, किसानों ने जहां उग्र रूप धारण किया तो वहीं उनको रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे गए।
शनिवार सुबह बॉर्डर पर शांति बनी रही। शुक्रवार को किसानों का व्यवहार देख पुलिस ने भी शनिवार को पूरी व्यवस्था और योजना के तहत काम किया। फिलहाल अभी सिंघु बॉर्डर पर शांति बनी हुई है। वहीं किसानों द्वारा लगातार नारे बाजे भी हो रही है।