कानपुर (मानवी मीडिया): कानपुर से एक हैरान कर देने वाली घटना समाने आई है। खबर के मुताबिक बेकनगंज में रहने वाली 55 साल की अलीमुन्निसा को ट्रेवल एजेंट ने विजिट वीजा से नौकरी के लिए 23 अक्टूबर 2019 को ओमान भेजा था। उससे यह कहा गया था कि उसे वहां दो छोटे बेटों व एक बूढ़ी औरत की देखभाल करनी है। जिसके बदले भारतीय करेंसी में उसे 16 हजार रुपये और खाना-रहना मुफ्त मिलेगा, लेकिन ओमान पहुंचने के कुछ दिनों बाद ही अलीमुन्निसा पर कहर बरपाया जाने लगा। छोटी-छोटी बातों पर अलीमुन्निशा को मारा-पीटा जाता था। ड्राइवर, पुलिस अफसर से 55 साल के बुड्ढे तक, 4 दिनों तक 40 लोगों ने इस लड़की का रेप किया इस मामले में जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि ओमान के मस्कट शहर पहुंचने पर उसे दूसरे एजेंट को बेच दिया गया और एजेंट ने उसे फातिमा नाम की महिला के सुपुर्द कर दिया। अलीमुन्निसा के अनुसार ओमान में फातिमा नाम की महिला उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव करती थी। उसे मारा-पीटा जाता और उत्पीड़न किया जाता रहाम। फातिमा उसे किसी दूसरे आदमी के हवाले करना चाहती थी, इसके लिए फातिमा ने उस आदमी से रुपये भी ले लिये थे। इस बीच उसने किसी तरह भारत में बेटे मोहसिन से संपर्क किया और सारी बात बताई। नौकरी दिलाने के बहाने असम से ले गए मां-बेटी को, दोनों को बेच डाला
मां की हालत की जानकारी होने पर मोहसिन तड़प उठा और परिचितों को जानकारी दी। वह खुद ओमान जाने की सोचने लगा, लेकिन परिचितों के कहने पर उसने सबसे पहले सरकार से मदद की गुहार लगाई।सोनीपत: कपड़ा लेने आई महिला ने 55 साल के व्यापारी पर लगाया रेप का आरोप, केस दर्ज | मोहसिन ने मां को छुड़ाने के लिए विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेज ओमान में मां को बेचने की बात बताई। इस बीच ओमान में विजय लक्ष्मी नाम की समाजसेवी ने भी उनको भारतीय दूतावास तक पहुंचने में मदद की। वहां संपर्क करने के बाद उनको शेल्टर होम में रखा गया। पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज मिलने के बाद उनको मस्कट से 25 अगस्त को लखनऊ भेज दिया गया, जिसके बाद वह कानपुर आ गईं। वहीं अब भारत लौटी पीड़िता केंद्र सरकार से लेकर विदेश मंत्रालय तक का शुक्रिया अदा कर रही हैं।