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- राष्ट्रीय मंगलवार 31 मार्च, 2020 |नई दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में आए लोगों में से 441 व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण के पाए गए हैं। कोरोना वायरस के लक्षण वाले इन सभी व्यक्तियों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लॉकडाउन के बावजूद यहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। दिल्ली सरकार का दावा है कि यहां से 15 सौ से अधिक अधिक लोगों को निकाला गया है। इनमें से 24 लोग कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद और अन्य तबलीगी जमात के अन्य लोगों पर सरकारी निर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम 1897 के अलावा सेक्शन आईपीसी की धारा 269, 270, 271 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, निजामुद्दीन मरकज से कुल 1548 लोगों को निकाला गया है। इनमें से 441 व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं। वहीं मरकज के 24 व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना वायरस के लक्षण वाले सभी 441 व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है जहां उनके टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अलावा 1107 व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है। मीडिया रिपोट्र्स एवं सूत्रों की मानें तो तमिलनाडु, असम से, उत्तर प्रदेश से, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, झारखंडा, उत्तराखंड, हरियाणा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा, पंजाब और मेघालय से लोग शामिल हुए थे।हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि सूबे के 17 लोगों ने दिल्ली में तबलीगी जमात की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इनमें से 14 लोग चंबा जिले से हैं। 2 व्यक्ति सिरमौर से और एक शख्स कुल्लु जिले से है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल जो सूचना है उसके मुताबिक इनमें से कोई भी दिल्ली से हिमाचल नहीं लौटा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अधिकारियों को दिल्ली के जमात में हिस्सा लेने वाले राज्य के 100 से ज्यादा लोगों को क्वारंटीन करने का आदेश दिया। निजामुद्दीन मरकज में हुए जलसे में शामिल होने वाले तेलंगाना के 6 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार सकते में है। तेलंगाना सरकार ने सूबे के ऐसे लोगों की पहचान की कोशिश तेज कर दी है, जिन्होंने निजामुद्दान में हुए जमात में शिरकत की थी। एक अधिकारी ने बताया, 'हमारा अनुमान है कि राज्य के करीब 1000 लोगों ने दिल्ली में हुए तबलीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।केजरीवाल ने मरकज के रवैये को गैर जिम्मेदाराना हरकत करार दिया। उन्होंने कहा, अभी नवरात्र होने के बावजूद सभी मंदिर बंद हैं। गुरुद्वारे, मस्जिद, मक्का और वेटिकन तक बंद है। ऐसे में इतनी संख्या में लोगों को यहां एकत्र करना सरासर गलत है। इस हरकत के चलते कितने लोगों को नुकसान हो चुका होगा, यह सोचकर ही डर लग रहा है। उन्होंने कहा, उपराज्यपाल साहब से इस मामले में हमने तुरंत एफआईआर करवाने की अपील की है। इसके अलावा यदि किसी भी किसी ऑफिसर की कोताही इस मामले में सामने आई तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन के मरकज से तेलंगाना लौटे 6 व्यक्तियों की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हो चुकी है। श्रीनगर के एक मौलवी की भी मरकज में शामिल होने के बाद कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी धार्मिक नेताओं से अपील करते हुए कहा, लोगों की जान बचाना सबसे जरूरी है। इसलिए किसी भी आयोजन के नाम पर भीड़ एकत्र न करें।