जम्मू-कश्मीर पर चीन की टिप्पणी को लेकर भारत ने जताया कड़ा विरोध, कहा- हमारे आतंरिक मामले में दखल न दें  08:22 pm बृहस्पतिवार 31 अक्टूबर, 2019 - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, October 31, 2019

जम्मू-कश्मीर पर चीन की टिप्पणी को लेकर भारत ने जताया कड़ा विरोध, कहा- हमारे आतंरिक मामले में दखल न दें  08:22 pm बृहस्पतिवार 31 अक्टूबर, 2019


नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चीन की टिप्पणी पर भारत ने सख्त विरोध जताते हुए कहा कि चीन भारत के आतंरिक मामले में दखल न दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पुनर्गठन पूरी तरह उसका आंतरिक मामला है तथा वह ऐसे विषयों पर अन्य देशों से टिप्पणी की अपेक्षा नहीं करता।रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। जिस प्रकार भारत अन्य देशों के आंतरिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करता है, इसी प्रकार हम चीन सहित अन्य देशों से हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की उम्मीद नहीं करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि चीन का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक बड़े इलाके पर कब्जे का सिलसिला जारी है। 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत चीन ने पीओके से भारतीय क्षेत्रों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया है। बता दें, 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो गया। भारत सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।चीन ने पहले भी भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 रद्द करने और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले का विरोध किया था। केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के गठन पर आपत्ति जताते हुए चीन ने कहा था कि इस क्षेत्र में कुछ चीनी क्षेत्र शामिल है।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को मीडिया से कहा, 'भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर तथाकथित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की स्थापना की घोषणा की जिसमें चीन के कुछ क्षेत्र उनके प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में शामिल थे।उन्होंने कहा कि चीन ने नाराजगी जताई और इसका कड़ा विरोध किया। भारत ने चीन की संप्रभुता को चुनौती देते हुए एकतरफा अपने घरेलू कानूनों और प्रशासनिक विभाजन को बदल दिया। यह गैरकानूनी है और यह किसी भी तरह से प्रभावी नहीं है और इस तथ्य को नहीं बदलेगा कि यह क्षेत्र चीनी वास्तविक नियंत्रण में है।चेंग ने कहा, 'चीन भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि वह चीनी क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करे, हमारी संधियों का पालन करे और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखे और सीमा के उचित समाधान के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाए।'



Post Top Ad