नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के दौरान दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता बिलकिस बानो की याचिका पर गुजरात सरकार के उसे मुआवजा, सरकारी नौकरी और घर देने के आदेश दिया हैं। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है।बिलकिस बानो की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया कि अभी तक सरकार ने कुछ नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अप्रैल में बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ये भी पूछा कि अब तक मुआवजा राशि क्यों नहीं दी गई। इस पर सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुआवजे के आदेश के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दायर करने की योजना है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि मुआवजा और घर दिया जाए।बता दें कि अहमदाबाद के नजदीक हिंसक भीड़ ने पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो से गैंगरेप किया और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी।