शनिवार 31, अगस्त 2019हरतालिका तीज का व्रत इस साल 1 सितंबर को रखा जाएगा. हिंदू धर्म के अनुसार हरतालिका तीज के व्रत का बड़ा महत्व है. विवाहित महिलाएं इस दिन पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं.
क्या आप हरतालिका व्रत के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में जानते हैं. क्या आपने कभी इस व्रत की पृष्ठभूमि को खंगालने की कोशिश की है. आइए आपको बताते हैं आखिर कैसे शुरू हुआ था हरतालिका तीज का व्रत. .. व्रत के पीछे की कहानी- लिंग पुराण की एक कथा के अनुसार मां पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया. इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया. कई वर्षों तक उन्होंने केवल हवा खाकर ही व्यतीत किया. माता पार्वती की यह स्थिति देखकर उनके पिता अत्यंत दुखी थे. एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के विवाह का प्रस्ताव लेकर मां पार्वती के पिता के पास पहुंचे, जिसे उन्होंने सहर्ष ही स्वीकार कर लिया. पिता ने जब मां पार्वती को उनके विवाह की बात बताई तो वह बहुत दुखी हो गईं और जोर-जोर से विलाप करने लगीं.