030, अगस्त 2019 नई दिल्ली: सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुये सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की शुक्रवार को घोषणा की जिसके बाद देश में सर्वाजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जायेगा। इसी प्रकार केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा। यूनियन बैंक के साथ आँध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय किया जायेगा।उन्होंने बताया कि इन विलय प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। वर्ष 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे। वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि विलय के बावजूद बैंक कर्मचारियों की छँटनी नहीं की जायेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले समय में पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा, जिनका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ का होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयास कर रही है।उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के संबंध में लोगों के हित में फैसले लिए जा रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक के विलय का भी ऐलान किया। इस विलय के बाद देश को 7वां बड़ा पीएसयू बैंक मिलेगा। उन्होंने कहा, सरकार ने एनबीएफसी को समर्थन के लिए कई उपाय किए हैं। सरकार का फोकस बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा कि 8 सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन लॉन्च किया है।उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2017 में मोदी सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पाँच अनुषंगी बैंकों का विलय किया था। इसके बाद विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया था। इन विलय प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा और यूको बैंक रह जाएंगे।बैंकों में कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी।
-भगोड़ों की संपत्ति पर कार्रवाई जारी रहेगी।
-कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी।
-नीरव मोदी जैसे मामले रोकने के लिए सतर्कता।
-अभी तक आठ सरकारी बैंकों ने रेपो रेट पर आधारित ब्याज दर की शुरुआत की है।
-मुश्किल हालात में चार एनबीएफसी को सरकारी बैंकों से मदद मिली है।
-एनपीए घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हुआ है।
-18 में से 14 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।