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Friday, May 31, 2019

सोशल मीडिया बना रहा लोगों को हृदय रोगी -May 30, 2019


यदि आप कुछ सेकंड से अधिक के लिए अनियमित धड़कन महसूस करते हैं, या ऐसा अक्सर होता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। दिल के दौरे के लक्षण सभी लोगों के लिए सामान्य नहीं होते हैं। सीने में दर्द हमेशा तीव्र होता है लेकिन कुछ लोगों को बहुत कम दर्द भी महसूस होता है। कुछ लोगों (खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और मधुमेह पीड़ित) को दर्द महसूस नहीं होता।




वाराणसी आज के आधुनिक समय में व्यक्ति फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया का आदी होता जा रहा है। साथ ही जंक फूड, अधिक तेल-मसाले वाले खाने के भी लोग शौकीन होते जा रहे हैं। ये चीजें जितना मनुष्य को मॉडर्न बनाती हैं उतनी ही बीमरियों को भी न्योता देती हैं। इन बीमारियों में सबसे ज्यादा लोग हार्ट (हृदय रोग) की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। इतना ही नहीं यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि युवाओं में भी तेजी से हो रही है। कम उम्र में भी लोग हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी का शिकार होने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है निष्क्रिय जीवन शैली।
वाराणसी के दुर्गाकुंड कबीर नगर स्थित पैनेसिया हॉस्पिटल की कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. पल्लवी मिश्रा बताती हैं कि विश्व के बढ़ते मृत्यु दर में ३० प्रतिशत लोग हर रोज हार्ट अटैक (हृदयाघात) से मर रहे हैं। वह कहती हैं कि सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए सही खान-पान, नियमित व्यायाम और कम से कम कम्प्यूटर, मोबाइल का उपयोग करना बहुत ही आवश्यक है।


वंशानुगत भी होता है हार्ट अटैक 


डॉक्टर पल्लवी कहती हैं कि हार्ट अटैक वंशानुगत भी होता है। वंशानुगत होने के साथ ही यह आगे की पीढ़ियों में समय से पहले ही होता है। इसलिए यदि परिवार में किसी को भी यह समस्या हो खासकर मां में हो तो सभी सदस्यों को इसकी (हृदय रोग) जांच करा लेनी चाहिए।


साइलेन्ट हार्ट अटैक होता है खरतनाक 
हार्ट अटैक दो प्रकार का होता है। साइलेन्ट हार्ट अटैक और नॉर्मल हार्ट अटैक। डॉ. पल्लवी बताती हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक (हृदयाघात) नॉर्मल हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि नॉर्मल हार्ट अटैक में सीने में तेज दर्द, घबराहट आदि कई लक्षण सामने आते हैं। जिससे आसानी से पता लगाया जा सकता है इस बीमारी का। लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में ऐसा कोई लक्षण नहीं दिखता और यह ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों में होता है। इसलिए यदि मरीज को लंबे समय से डायबिटीज हो या उसका एलडीएल बढ़ जाये तो उसे समय से हार्ट (हृदय रोग) की जांच करा लेनी चाहिए अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है।


जांच से किया जा सकता है बीमारियों का आंकलन 
डॉ. पल्लवी कहती हैं कि सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं बल्कि किसी भी बीमारी के होने का इंतजार करना मनुष्य की सबसे बड़ी गलती है। जरूरी नहीं कि अगर आप स्वस्थ है भविष्य में भी आपको कोई बीमारी नहीं होगी।इसलिए वह जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए प्रेरित करती हैं। वह बताती हैं की एयर सिविलिटी, क्युरिस, जेबीएस जैसे कई तरह के जांच से मनुष्य में होने वाली बीमारियों का आंकलन किया का सकता है। ताकि वह भविष्य में होने वाली बीमारियों से बच सके।


हार्ट अटैक के लक्षण
छाती या बाहों पर दबाव, जकड़न या दर्द महसूस होना जो आपके गले, जबड़े और पीठ तक धीरे-धीरे फैल रहा हो।
मतली, अपच, सीने में हल्का दर्द, जलन, पेट में दर्द होना
सांस लेने में कठिनाई होना।
कोल्ड स्वेट आना ( भय, चिंता या बीमारी के कारण पसीना आना)
जल्दी थकान, कमजोरी चक्कर आना।


हार्ट अटैक में परहेज
आप हृदय की बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको ये परहेज करने चाहिए
दिल के दौरे के बाद 2-3 हफ्तों तक यौन संबंध न बनाएं
धूम्रपान दिल के दौरे का प्रमुख कारण है, इसलिए धूम्रपान न करें।
तली सब्जियां, मांस व जंक फूड न खाएं।
सॉफ्ट ड्रिंक या अन्य पेय जिनमें चीनी हो उन्हें न पीयें।
ज्यादा नमक वाला भोजन न खाएं।
सफेद चावल न खाएं।



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