वाराणसी वाराणसी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यादव को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। पहले निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के बाद सपा के सिंबल पर दोबारा पर्चा भरने वाले तेज बहादुर के शपथ पत्र में नौकरी से बर्खास्त किए जाने को लेकर दो अलग अलग दावे किए गए हैं। इस मामले को वाराणसी के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी आईएएस सुरिंदर सिंह ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई दिन में 11 बजे तक का समय दिया है, नहीं तो नामांकन खारिज होगा।
दरअसल तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय फिर सपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया था। इसमें एक में बताया गया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था लेकिन दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी। मंगलवार को पर्चों की जांच के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई तक जवाब देने का समय दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज कर दिया जाएगा।
तेज बहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया तो शपथ पत्र में लिखा कि हां उन्हें भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से बर्खास्त किया गया था, लेकिन 29 अप्रैल को दूसरी बार नामांकन करते समय तेज बहादुर ने इसी कॉलम में नहीं लिखा है, जिसका अर्थ ये है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी से नहीं निकला गया है। सोमवार को वाराणसी से सपा की प्रत्याशी रहीं शालिनी यादव ने भी नामांकन किया. शालिनी का टिकट काटकर तेजबहादुर यादव को दे दिया गया था। टिकट कटने को लेकर शालिनी यादव ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने बस इतना कहा कि अगर सपा प्रमुख कहेंगे तो वह अपना नामांकन वापस ले लेंगी, लेकिन अगर पार्टी की तरफ से नहीं कहा जाता तो वह अपना नामांकन वापस नहीं लेंगी और समाजवादी पार्टी की ओर से लड़ेंगी